लुधियाना में बाबा बंदा सिंह बहादुर फाउंडेशन ने राम सिंह राणा को किया सम्मानित, आंदोलन में किसानों की हरसंभव सहायता की थी
किसानों की दिल खोल कर मदद करने वाले मददगार राम सिंह राणा गोल्डन हट काे लुधियाना में बाबा बंदा सिंह बहादुर अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन ने सम्मानित किया। राणा ने कहा कि किसान आंदोलन की जीत के दौरान आपसी भाईचारे की मिसाल सामने आई है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। लगातार एक वर्ष तक दिल्ली में केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर दिन रात डटे रहे किसानों की दिल खोल कर मदद करने वाले मददगार राम सिंह राणा गोल्डन हट काे बाबा बंदा सिंह बहादुर अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन ने सम्मानित किया। प्रधान कृष्ण कुमार बावा की अगुआई में दीवान टोडर मल की याद में किसान सेवा सम्मान प्रदान करते हुए गोल्ड मेडल, यादगारी चिन्ह व दौशाला भेंट कर सम्मानित किया गया।
राणा को सम्मान भेंट करने वालों में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अमेरिका के प्रधान महिंदर सिंह गिलचिया, फाउंडेशन हरियाणा इकाई के प्रधान उमरांव सिंह छीना, पंजाब प्रधान करनैल सिंह गिल, कर्नल हरबंत सिंह काहलों, महिला कांग्रेसी नेता सतविदर बिट्टी, दर्शन सिंह लोटे, रेशम सिंह सगू, भगवान दास बावा, एसके गुप्ता, जरनैल सिंह, गुरमीत कौर व गुरप्रीत कौर सिदू व बादल सिंह सिदू आदि ने निभाई। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अमेरिका के प्रधान महिंदर सिंह गिलचिया ने कहा कि राम सिंह राणा ने श्री गुरु नानक देव जी के सांझीवाल व बांट कर छकने का उपदेश अपने हृदय में धारण करके मानवता की सेवा की। वह उनको सलूट करते हैं।
फाउंडेशन के प्रधान कृष्ण कुमार बावा व हरियाणा इकाई के प्रधान उमरांव सिंह छीना ने किसानी आंदोलन दौरान किसानों की मदद करके दुनिया भर में मिसाल कायम की है। बावा ने कहा कि किसानी संघर्ष केवल किसानों का नहीं था, बल्कि किसानों ने समूह देश वासियों की दिल्ली की सरहदों पर दिन रात धरने देकर बिना बारिश, सर्दी व गर्मी की प्रवाह किए बिना लड़ाई लड़ी। नहीं तो आज मंहगाई ओर आसमान को छू जाती।
किसान आंदोलन के दौरान किसानों के एक बड़े मददगार के रूप में उभर कर सामने आए गोल्डन हट के मालिक राम सिंह राणा ने भावुक होते हुए कहा कि जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तो उनको ऐसे लगता था कि कुछ दिनोंं में ही किसान फतेह का झंडा लहराते हुए वापस चले जाएंगे। राणा ने कहा कि किसान आंदोलन की जीत के दौरान आपसी भाईचारे की मिसाल सामने आई है। लोकतंत्र मजबूत हुआ है। इस अवसर पर फाउंडेशन के तमाम सदस्य मौजूद रहे।