लुधियाना में आटो रिक्शा चालक का शव 21 दिन बाद कब्र से निकाल कराया पोस्टमार्टम, दो फाइनांसरों के खिलाफ केस
आटो रिक्शा चालक की मौत के दो दिन बाद मिले सुसाइड नोट से पता चला कि उसने आत्महत्या की है। मौत के 18 दिन बाद पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर दो फाइनांसरों के खिलाफ आत्महत्या को विवश करने के आरोप में नामजद किया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना आटो रिक्शा चालक की मौत के दो दिन बाद मिले सुसाइड नोट से पता चला कि उसने आत्महत्या की है। मगर तब तक उसके शव को कब्रिस्तान में दफनाया जा चुका था। उसकी मौत के 18 दिन बाद पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर दो फाइनांसरों के खिलाफ उसे आत्महत्या को विवश करने के आरोप में नामजद किया। 21 दिन बाद शव को कब्र से बाहर निकाल उसका डाक्टरों के बार्ड से उसका पोस्टमार्टम कराया गया। थाना डिवीजन नंबर 4 के सब इंस्पेक्टर रछपाल सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान छावनी मोहल्ला स्थित न्यू वाल्मीकि कालोनी की गली नंबर 1 निवासी मनजीत सिंह (49) के रूप में हुई। पुलिस ने उसकी पत्नी सुनीता की शिकायत पर ढोलेवाल चौक स्थित फाइनांसर पिंटू और संतोष के खिलाफ केस दर्ज किया।
अपने बयान में उसने बताया कि उसके पति ने उक्त आरोपितों से अपना आटो रिक्शा फाइनांस कराया था। आटो की किश्तें पूरी होने के बाद भी दोनों उसे लगातार परेशान करते थे। जिससे उसके पति की तबियत बिगड़ने से 11 जुलाई को उसकी मौत हो गई। तब उन्होंने सलेम टाबरी कब्रिस्तान में उसे दफ्ना दिया। मगर 13 जुलाई को मनजीत सिंह के पर्स से एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने लिखा था कि उसकी मौत के लिए वो दोनों जिम्मेदार हैं।
रछपाल सिंह ने कहा कि मामले में शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था। इस लिए पुलिस कमिश्नर तथा डीसी के निर्देश पर तहसीलदार की मौजूदगी में कब्र को खोल कर शव को बाहर निकाला गया। जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई। पोस्टमार्टम के बाद जांच के लिए बिसरा खरड़ स्थित लैब में भेज दिया गया है। उसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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