पंजाब के मोगा में बरछे से थाना प्रभारी का सिर फोड़ा, जानें थाने के बाहर किस बात पर भड़का विवाद

मोगा में थाना धर्मकोट के सामने एक मामले में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एक ने बेलचा पुलिस की ओर मारा जो थाना प्रभारी धर्मकोट के सिर में जाकर लगा। एसएचओ पर हमला होते देख पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाते हुए खदेड़ दिया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 01:26 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 01:26 PM (IST)
पंजाब के मोगा में बरछे से थाना प्रभारी का सिर फोड़ा, जानें थाने के बाहर किस बात पर भड़का विवाद
पुलिस ने इस मामले में प्रदर्शनकारियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। (जागरण)

मोगा, जेएनएन। थाना धर्मकोट के गेट पर धरने के बाद वहीं पर चिता सजाए जाने का विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस का विवाद हो गया। पुलिस ने चिता को हटाने की प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियो में से एक ने बेलचा पुलिस की ओर मारा, जो थाना प्रभारी धर्मकोट के सिर में जाकर लगा। थाना प्रभारी को लहूलुहान होते देख प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लाठियां मारते हुए वहां से खदेड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में प्रदर्शनकारियों पर थाना प्रभारी पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।

असल में अवैध माइनिंग मामले को लेकर दो नवंबर को दो पक्षों में हुए झगड़े के दौरान एक पक्ष के लोगों ने माइनिंग करने वाले पक्ष पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी, जिसमें से एक घायल जसवीर सिंह की दो दिन पहले इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।

घायल की मौत के बाद परिजन भड़क गए थे, उन्होंने शव को लेकर थाना धर्मकोट के बाहर धरना शुरू कर दिया था। असल में फायरिंग की घटना के 21 दिन बाद भी पुलिस एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि आरोपित राजनीतिक दबाव में बचाए जा रहे हैं। वे घुलेआम घूम रहे हैं, पुलिस उन्हें पकड़ नहीं रही है सिर्फ दबिश देने का ड्रामा कर रही है। इसी से नाराज प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की रात को नौ बजे के बाद थाना धर्मकोट गेट पर ही चिता सजाना शुरू कर दिया था, जिसको लेकर बाद में पुलिस के साथ विवाद हुआ।

यह है मामला

धर्मकोट के गांव रेड़वां में एक पक्ष के लोग अवैध रूप से रेत का खनन कर रहे थे। दूसरे पक्ष के लोगों को पता चला तो उन्होंने खनन कर रहे लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। फायरिंग में गोली लगने से तीन लोग घायल हुए थे। इनमें जगसीर सिंह पेट में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसकी इलाज के दौरान दो दिन पहले मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में निक्का सिंह पुत्र काला सिंह, गब्बर सिंह पुत्र काला सिंह, काला सिंह पुत्र नामलूम निवासी चुगा बस्ती धर्मकोट व कुलविंदर सिंह पुत्र करनैल सिंह निवासी गांव रेडवा समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था लेकिन गिरफ्तार किया को नहीं किया था। रात को मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पहले लाठियां मारीं, बाद में 15 अज्ञात लोगों सहित 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने सुखजीत सिंह पुत्र सरवन सिंह निवासी खोसा जालंधर देहाती, तरसेम सिंह पुत्र दलबीर सिंह निवासी भरत मटोला गुरदासपुर, जशनदीप सिंह पुत्र अवतार सिंह वासी सिंघेवाला मुक्तसर, हरभजन सिंह पुत्र दीदार सिंह निवासी कमला मिडडू जिला फिरोजपुर, गुरमीत सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी लले जिला फिरोजपुर, संदीप सिंह पुत्र दीवान सिंह निवासी रेडवां ,बलजिंदर सिंह पुत्र सुबेग सिंह निवासी रेडवा, गुरमेल सिंह पुत्र जरनैल सिंह व बब्बू निवासी दाता समेत व 20 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज करके उनकी तलाश शुरू कर दी है।

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