Punjab : मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी से मिले एसोसिएट स्कूल संचालक, 2011 की पालिसी जारी रखने की मांग

एसोसिएट स्कूल संचालकों का संगठन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिले। स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनके सामने एसोसिएट स्कूलों के योगदान के बारे में बताया और उनसे मांग की है कि उन पर जो तलवार हर साल लटकती है उसे दूर किया जाए।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 02:10 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 02:10 PM (IST)
Punjab : मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी से मिले एसोसिएट स्कूल संचालक, 2011 की पालिसी जारी रखने की मांग
मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को मांगों को लेकर बताता हुए एसोसिएट स्कूल संचालक।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। सूबे में चल रहे 2100 एसोसिएट स्कूलों के भविष्य पर हर साल तलवार लटक जाती है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड समय पर कंटीन्युशन परफार्मा जारी नहीं करता है जिसके कारण एसोसिएट स्कूल संचालकों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। एसोसिएट स्कूल संचालकों का संगठन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिले। स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनके सामने एसोसिएट स्कूलों के योगदान के बारे में बताया और उनसे मांग की है कि उन पर जो तलवार हर साल लटकती है उसे दूर किया जाए। इसके लिए 2011 में बनी एसोसिएशन पालिसी को लागू किया जाए। जिस पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने स्कूल संचालकों को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्या का समाधान जल्दी निकाल दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग व पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अफसरों को बुलाकर उनके साथ मामले पर चर्चा करेंगे। उसमें स्कूल संचालकों को भी बुलाया जाएगा।

एसोसिएट स्कूल संगठन के प्रतिनिधि मंडल में बलवंत सिंह निर्माण, जनार्धन भट्ट, संजीव शर्मा, राजेश नागर व भुवनेश भट्ट शामिल थे। स्कूल संघ  पंजाब के महासचिव भुवनेश भट्ट ने मुख्यमंत्री को बताया कि एसोसिएट स्कूलों में पांच लाख के करीब विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। कम संसाधनों और कम फीस में यह स्कूल बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी गरीब वर्ग हैं। इसके अलावा इन स्कूलों में 50 हजार के करीब लोगों को रोजगार भी मिला है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इन स्कूलों को प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 2011 में पंजाब सरकार ने सभी स्कूलों को एसोसिएट का दर्जा दिया और उसी वक्त स्कूलों के लिए नियम तय किए गए। उन नियमों के आधार पर स्कूलों की जांच की गई। जांच में जो स्कूल फिट नहीं पाए गए वह बंद कर दिए। बाकी स्कूलों को जांच में पालिसी के हिसाब से सही पाया गया। उसके बावजूद बोर्ड व शिक्षा विभाग हर साल स्कूल संचालकों को परेशान कर रहे हैं। संजीव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इसी सप्ताह मीटिंग करने का भरोसा दिया है। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु व विधायक राकेश पांडे भी मौजूद रहे। स्कूल संगठन पहले भारत भूषण आशु के जरिए भी पूर्व शिक्षामंत्री से संपर्क कर चुके थे लेकिन मुख्यमंत्री बदलने के बाद यह प्रक्रिया कुछ देर के लिए रूक गई थी।

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