चंगे प्रधान ने एह... गोवंश को बंधक बनाने पर एनिमल लवर्स और गोशाला चेयरमैन में विवाद

सुनील मानकवाल में बंधक बनाए गोवंश को श्री गोविंद गोधाम में रखने पर जोर दे रहे हैं तो धमीजा कह रहे हैं कि उनकी गोशाला की क्षमता नहीं है।

By Vikas KumarEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 06:51 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 06:51 PM (IST)
चंगे प्रधान ने एह... गोवंश को बंधक बनाने पर एनिमल लवर्स और गोशाला चेयरमैन में विवाद
चंगे प्रधान ने एह... गोवंश को बंधक बनाने पर एनिमल लवर्स और गोशाला चेयरमैन में विवाद

लुधियाना [राजेश शर्मा]। गोवंश की समस्या जिले में विकराल हो चुकी है। हाल ही में मानकवाल गांव में गोवंश को बंधक बनाने पर विवाद हो गया। दिन भर चले इस मामले की शहर में खूब चर्चा हो रही है। इसकी वजह ये है कि एक आडियो वायरल हो रहा है। इसमें एनिमल लवर्स ग्र्रुप के सुनील कुमार श्री गोविंद गोधाम के चेयरमैन सुंदरदास धमीजा से बात कर रहे हैं। सुनील मानकवाल में बंधक बनाए गोवंश को श्री गोविंद गोधाम में रखने पर जोर दे रहे हैं तो धमीजा कह रहे हैं कि उनकी गोशाला की क्षमता नहीं है। तभी बातचीत में सुनील ने पूछा कि इस गोवंश का क्या करें तो धमीजा जवाब देते हैं, शहर की सड़कों पर छोड़ दो। इस पर सुनील ने गोशाला की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते कह दिया कि अगर गोवंश को आपने संभालना ही नहीं तो क्या आपने यह परिसर होली खेलने के लिए रखा है।

वाह रे जिला प्रशासन

दिव्यांगों के लिए पुलिस व प्रशासन लगभग संवेदनहीन ही रहते हैं। सचिवालय में दिव्यांगों की एंट्री की ही बात कर लें। वहां डिप्टी कमिश्नर कार्यालय का एक ही रैंप था जो थोड़ा बहुत मापदंड के मुताबिक बना था। हालांकि इस रैंप की भी लंबाई-चौड़ाई सही नहीं थी। इसके विपरीत डीसीपी अश्विनी कपूर, जिला खजाना कार्यालय, सेल्स टैक्स विभाग, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को जाने वाला रैंप तो ऐसा है कि उस पर चढ़ते-चढ़ते अच्छे-भले व्यक्ति की भी सांस फूल जाए। अब सितम देखिए। डीसी कार्यालय को जाने वाला रैंप सुधार के नाम पर तोड़ दिया गया जबकि डीसीपी वाला रैंप वैसा ही है। लगभग दर्जन भर विभागों को जाने वाले डीसी दफ्तर के रैंप को तोड़े पांच दिन हो गए हैं। अब लोग कटाक्ष करते हुए कह रहे हैं कि वाह रे जिला प्रशासन, 'जेहड़ा कुझ ढंग दा बनेया सी ओहनूं तोड़ ता, ते बेढंगा उदां दा उदां ही ए।

चार दिन घर बैठना चंगा

जब भी कोई बड़ा हादसा होता है तो सरकार व जिला प्रशासन नींद से जाग जाता है। चार दिन तक अधिकारी फील्ड में दिखते हैं और कुछ ही दिनों में सबकुछ पहले जैसा हो जाता है। संगरूर में स्कूल वैन में बच्चे जिंदा जल गए तो सरकार व विभाग की नींद खुली। आनन-फानन में सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी की याद आई। पहले दिन सैकड़ों वाहनों के चालान कटे। दूसरे दिन आधे से अधिक स्कूली वाहन तो सड़कों पर उतरे ही नहीं। वाहनों के ड्राइवरों ने गाडिय़ां खड़ी कर दीं। फिर वे अपने सूत्रों से ट्रैफिक पुलिस व आरटीए कार्यालय में जानकारी लेने में जुटे रहे कि कार्रवाई कब तक चलेगी। ऐसे ही कुछ ड्राइवर मिनी सचिवालय में बात कर रहे थे कि 'चालान कटवाण नालों चार दिन घर बैठणा चंगा ऐ। एहनां अधिकारियां नूं दफ्तरां विच्च बैठण दी आदत ए। ज्यादा दिन एह वी फील्ड विच्च नहीं रैह सकदे।'

दफ्तर लई अजे इंतजार करो

भारतीय जनता पार्टी के नए आलीशान जिला मुख्यालय की तैयारी हो रही है। काम कछुए से भी धीमी गति से चल रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुगरी रोड पर बनने वाले इस नए मुख्यालय का शिलान्यास उस समय दिवंगत पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था। मुहुर्त के बाद एक ईंट तक नहीं लग पाई। पिछले वर्ष अचानक जिला कार्यकारिणी इसके निर्माण के लिए सक्रिय हो गई। इसके लिए बाकायदा कमेटी का गठन कर दिया। फिर नक्शा बनवाया और कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए जिला उपाध्यक्ष रजनीश धीमान की नियुक्ति कर दी गई। अब फिर से एक साल बीत गया। निर्माण के नाम पर नतीजा फिर शून्य रहा। अब किसी ने इस विषय पर चर्चा छेड़ी तो बात उठी कि अभी दफ्तर के लिए और इंतजार करना होगा। अब तो नए जिला अध्यक्ष के आने पर ही काम आगे बढ़ेगा।

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