आल पार्टी मीटिंग : लुधियाना में कूड़ा प्रबंधन के लिए नया फार्मूला, अब तीन कंपनियों को दिया जाएगा कांट्रैक्ट

लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू ने शनिवार शाम को अपने कैंप आफिस में सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में विपक्षी दलों के पार्षदों ने आरोप लगाया कि मेयर एटूजेड की सबलेट कंपनी को ही कांट्रेक्ट देने की फिराक में हैं।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 06:23 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 06:23 AM (IST)
आल पार्टी मीटिंग : लुधियाना में कूड़ा प्रबंधन के लिए नया फार्मूला, अब तीन कंपनियों को दिया जाएगा कांट्रैक्ट
लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू ने शनिवार शाम को अपने कैंप आफिस में सर्वदलीय बैठक बुलाई।

लुधियाना, जेएनएन। शहर में कूड़ा प्रबंधन करने वाली कंपनी से करार टूटने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर आए मेयर बलकार सिंह संधू ने शनिवार शाम को अपने कैंप आफिस में सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में विपक्षी दलों के पार्षदों ने आरोप लगाया कि मेयर एटूजेड की सबलेट कंपनी को ही कांट्रेक्ट देने की फिराक में हैं। इस पर मेयर ने कहा कि शहर से कूड़ा लिफ्ट करवाना जरूरी था इसलिए पुराने रेट पर ही अस्थायी तौर पर काम करवाया जा रहा है। पहले वाली कंपनी हेराफेरी कर रही थी इसलिए उस पर नकेल कसने के लिए प्राइवेट कंडा लगाया गया था।

बैठक में भाजपा पार्षद मंजू अग्रवाल के पति व पूर्व पार्षद इंद्र अग्रवाल इस बात पर अड़े रहे कि नई कंपनी के लिए टेंडर लगाने से पहले मेयर नगर निगम हाउस की बैठक बुलाएं। बाद में सभी ने सहमति जताई कि हाउस की बैठक के बजाए आल पार्टी मीटिंग में चर्चा कर टेंडर जारी किया जाए। बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा, कांग्रेस की पार्षद ममता आशु, डा. जय प्रकाश, भाजपा से सुनीता शर्मा, इंद्र अग्रवाल, अकाली दल से हरभजन सिंह डंग, जसपाल सिंह ग्यासपुरा, लिप से स्वर्णजीत सिंह चहल शामिल थे।

अग्रवाल व मेयर में तीखी नोकझोंक :

सवाल : पूर्व पार्षद इंद्र अग्रवाल ने मेयर से सवाल किया कि जब 24 दिसंबर को कंपनी का नोटिस मिल गया था तो उसी समय नई कंपनी की तलाश शुरू क्यों नहीं की गई।

जवाब : मेयर बलकार सिंह संधू ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के मेयर ने ही एटूजेड कंपनी के साथ करार किया था। उनकी मनमानी का नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने काम ही नहीं किया। मैंने नकेल कसी तो कंपनी भाग गई।

मेयर के नए फार्मूले पर बनी सहमति :

बैठक में मेयर ने शहर में कूड़ा प्रबंधन के लिए नया फार्मूला सामने रखा। इस बार एक नहीं तीन कंपनियों को कूड़ा प्रबंधन का काम सौंपा जाए और सभी की जिम्मेदारी तय की जाए। सभी दलों के पार्षदों ने इस फार्मूले पर सहमति जताई।

- एक कंपनी को शहर में डोर-टू-डोरकूड़ा कलेक्शन का काम दिया जाए।

- दूसरी कंपनी को सेकेंडरी डंप से मुख्य डंप तक कूड़ा पहुंचाने की जिम्मेदारी दी जाए।

- तीसरी कंपनी को कूड़ा निस्तारण का प्लांट चलाने का कांट्रैक्ट दिया जाए।

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