पटियाला में रैपिड से डेंगू का टेस्ट पाॅजिटिव आने पर Aliza Test करवाना जरूरी, इस सीजन में नहीं हुई कोई मौत

सिविल सर्जन डाॅ. सतिंदर सिंह व एपिडिमालोजिस्ट डाॅ. सुमित सिंह ने कहा कि कोई भी प्राइवेट अस्पताल उनके पास आने वाले डेंगू के संदिग्ध मरीज का टेस्ट रैपिड सिस्टम के साथ करने पर पाॅजिटिव आता है तो उसका अलीजा टेस्ट करवाया जाए।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:16 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 03:16 PM (IST)
पटियाला में रैपिड से डेंगू का टेस्ट पाॅजिटिव आने पर Aliza Test करवाना जरूरी,  इस सीजन में नहीं हुई कोई मौत
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व जिलाें के प्राइवेट अस्पतालाें काे पत्र भेजा। (सांकेतिक तस्वीर)

पटियाला, जेएनएन। जिले में कोविड के साथ सेहत विभाग ने डेंगू का सीजन आने के कारण कहा है कि अगर किसी की रिपोर्ट रैपिड (कार्ड) टेस्ट के जरिए पाॅजिटिव आती है तो उसे फिर से अलीजा टेस्ट करवाना होगा। इसके लिए सेहत विभाग ने निजी अस्पतालों को नोटिस जारी करके कहा है कि डेंगू के अलीजा टेस्ट के लिए माता कौशल्या अस्पताल सहित मेडिकल कालेड, राजपुरा व नाभा के सिविल अस्पताल में खास तौर पर लैब शुरु कर दी गई है।

सिविल सर्जन डाॅ. सतिंदर सिंह व एपिडिमालोजिस्ट डाॅ. सुमित सिंह ने कहा कि कोई भी प्राइवेट अस्पताल उनके पास आने वाले डेंगू के संदिग्ध मरीज का टेस्ट रैपिड सिस्टम के साथ करने पर पाॅजिटिव आता है तो उसका अलीजा टेस्ट करवाया जाए। रैपिड से पाजिटिव केस आने पर उसके टेस्ट माता कौशल्या अस्पताल अथवा मेडिकल काॅलेज में करवाया जाए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व जिलाें के प्राइवेट अस्पतालाें काे पत्र भेजा

सिविल सर्जन ने यह पत्र इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सहित जिलाें के प्राइवेट अस्पताल सहित प्राइवेट लैबोरेटरियों को भेजा है। उनका कहना है कि भले मौजूदा समय में डेंगू का एक भी केस नहीं लेकिन फिर भी सीजन की शुरुआत के साथ ही सेहत विभाग अलर्ट हो गया है ताकि आने वाले समय में डेंगू के केस अधिक न हों। पिछले दो सालों से सेहत विभाग ने डेंगू के केसों पर पकड़ बना रखी है और विभाग डेंगू के लारवे को पैदा होने से बचाने के लिए प्रयास करता है।

डेंगू के केस

साल

2011 में 12 केस, मौत कोई नहीं

2012 में 29 केस, मौत कोई नहीं

2013 में 672 केस, मौत 01

2014 में 22 केस, मौत कोई नहीं

2015 में 1755 केस, मौत 01

2016 में 1343 केस, मौत 02

2017 में 2434 केस, मौत 02

2018 में 2332 केस, मौत 02

2019 में 261 केस, मौत 02

2020 में 307 केस, मौत 03

2021 में अब तक कोई केस नहीं।

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