अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसानों को न भटकाए : चिरांशु रत्तन
किसान अधिनियम भारत सरकार द्वारा किसानों को दिया गया एक सुनहरा उपहार है। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ दल गलत नीतियों के तहत अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना,खन्ना : किसान अधिनियम भारत सरकार द्वारा किसानों को दिया गया एक सुनहरा उपहार है। लेकिन, दुर्भाग्य से कुछ दल गलत नीतियों के तहत अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। अपना अस्तित्व बचाने के लिए कांग्रेस और अकाली दल किसानों को भटकाने से बाज आए। किसान अधिनियम के तहत किसानों की आय में वृद्धि होगी।देश का किसान जहां चाहे अपनी फसल बेच सकता है। मध्यस्थ की भूमिका को अस्वीकार करने से, किसान का श्रेय उसके पास जाएगा। यह बात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रदेश मंत्री चिरांशु रतन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए कही है।
चिरांशु रतन ने आगे कहा कि तीनों कानूनों में भी ऐसा कुछ भी नहीं लिखा गया है जिससे किसानों को कोई असुविधा हो या उनके अधिकारों का हनन हो। पंजाब सरकार और शिरोमणि अकाली दल पंजाबी गायकों को प्रायोजित कर गलत नीतियों के माध्यम से राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब में लग रहे धरने किसानों के धरने नहीं है, बल्कि इन राजनीतिक दलों का शर्मनाक कृत्य है। हक-हलाल कमाने वाले किसी भी किसान को अपना ट्रैक्टर नहीं जला सकता। राज्य सरकार अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए किसानों को सड़कों पर बैठा रही हैं और हम अपने देश के किसानों को अपने राजनीतिक एजेंडे में नहीं फंसने देंगे।
रतन ने कहा कि वे पंजाब के हर एक किसान को बताना चाहते हैं कि किसान कानून किसान के पक्ष में है। केंद्र सरकारें देश की मिट्टी में सोना उगाने वाले किसान को नुकसान नहीं पहुंचा सकती हैं। भारत में कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी हैं जो राज्य और देश के लोगों को विकास विरोधी एजेंडे के साथ गुमराह कर रहे हैं।