Stubble Burning In Punjab: पंजाब में पिछले साल से कम जली पराली, हवा की गुणवत्ता पर पड़ रहा असर

Stubble Burning In Punjab पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 728 मामले तरनतारन में सामने आए हैं। 665 मामलों के साथ अमृतसर राज्य में दूसरे और 279 मामलों के साथ पटियाला राज्य में तीसरे स्थान पर है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:18 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 01:21 PM (IST)
Stubble Burning In Punjab: पंजाब में पिछले साल से कम जली पराली, हवा की गुणवत्ता पर पड़ रहा असर
पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, पटियाला। Stubble Burning In Punjab: पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालांकि ऐसे मामलों की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले कम है, लेकिन इन दिनों पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राज्य में पराली जलाने के मामले बीती 18 अक्टूबर तक बढ़कर 2446 हो गए हैं जोकि पिछले साल के मुकाबले तो कम है लेकिन साल 2019 के मुकाबले 633 मामले ज्यादा हैं। साल 2020 में 18 अक्टूबर तक पराली जलाने के कुल 6417 मामले थे। साल 2019 में 18 अक्टूबर तक पराली जलाने के कुल 1813 मामले सामने आए थे।

पराली जलाने के सबसे ज्यादा 728 मामले तरनतारन में सामने आए हैं। 665 मामलों के साथ अमृतसर राज्य में दूसरे और 279 मामलों के साथ पटियाला राज्य में तीसरे स्थान पर है। इसका असर राज्य की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) पर भी पड़ना शुरू हो गया है। बारिश से पहले राज्य का एयर क्वालिटी इंडेक्स पूअर कैटेगरी की तरफ बढ़ना शुरू हो गया था। इसके तहत राज्य के कई प्रमुख शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के पार भी रिकार्ड किया गया। गनीमत यह रही कि पिछले समय दौरान हुई बारिश के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स में काफी सुधार दर्ज किया गया।

बारिश के बाद राज्य में एयर क्वालिटी इंडेक्स एक बार बहुत अच्छी कैटेगरी में पहुंच गया था, लेकिन पराली जलने के मामलों के चलते एक बार फिर अब एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य कैटेगरी में पहुंच गया है। इस बारे में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में कमी न आई तो इसका असर हवा की गुणवत्ता पर पड़ना तय है।

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प्रमुख शहरों का एक्यूआइ

अमृतसर-114

जालंधर -168

लुधियाना -168

पटियाला- 122

मंडी गोबिंदगढ़-171

बठिंडा-90

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