Advance Ventilator Ambulance ने जगाई उम्मीद, लुधियाना की महिला मरीज को PGI पहुंचाया

ट्रस्ट मैनेजर एंबुलेंस निशुल्क देने के लिए तैयार हो गए। शाम चार बजे एडवांस वेंटिलेटर एंबुलेंस पहला मरीज लेकर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई। इस तरह की आधुनिक सुविधाओं की एबुलेंस में मरीज को लुधियाना से चंडीगढ़ का किराया 20 से 25 हजार तक हो सकता है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 08:52 AM (IST)
Advance Ventilator Ambulance ने जगाई उम्मीद, लुधियाना की महिला मरीज को PGI पहुंचाया
महिला की दोनों किडनियां हैं खराब। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, जेएनएन। न्यू जनता नगर के अमरजोत सिंह 28 वर्षीय पत्नी जसप्रीत कौर के इलाज पर अब तक 22 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। पत्नी की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। इलाज के लिए उन्हें अपना घर भी बेचना पड़ा है। अब आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि वह पत्नी को डीएमसी लुधियाना से पीजीआइ चंडीगढ़ ले जाने के लिए एडवांस वेंटिलेटर एंबुलेंस का प्रबंध नहीं कर पा रहे थे। मंगलवार को जब अमरजोत ने संवेदना ट्रस्ट की नई एडवांस वेंटिलेटर एंबुलेंस के बारे में सुना तो ट्रस्ट के मैनेजर जजप्रीत सिंह को फोन किया। पत्नी की हालत और अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताया। पीजीआइ तक एडवांस वेंटिलेटर एंबुलेंस उपलब्ध करवाने की मदद मांगी।

ट्रस्ट मैनेजर एंबुलेंस निशुल्क देने के लिए तैयार हो गए। शाम चार बजे एडवांस वेंटिलेटर एंबुलेंस पहला मरीज लेकर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई। सामान्य तौर पर इस तरह की आधुनिक सुविधाओं की एबुलेंस में मरीज को लुधियाना से चंडीगढ़ का किराया 20 से 25 हजार तक हो सकता है। गौरतलब है कि सोमवार को एवन साइकिल के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा ने संवेदना ट्रस्ट को यह आधुनिक सुविधाओं वाली एंबुलेंस सौंपी थी।

अमरजोत ने बताया कि 22 अप्रैल को बीआरएस नगर स्थित एक निजी अस्पताल ने उनकी पत्नी को रेफर कर दिया था। 23 अप्रैल को से वह डीएमसी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। कई दिन तक वह वेंटिलेटर पर रही। 50 दिन में कोई सुधार नहीं आया। आर्थिक रूप से टूट चुके हैं इसलिए पत्नी को पीजीआइ ले जाना चाहते हैं। डीएमसी के डाक्टरों ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की है। अब उनकी उम्मीद पीजीआइ के डाक्टरों से है।

---

आरोप : निजी अस्पताल की लापरवाही से बिगड़ी हालत

अमरजोत ने आरोप लगाया कि बीआरएस नगर स्थित निजी अस्पताल की लापरवाही से पत्नी की हालत खराब हुई है। उनकी पत्नी साढ़े छह माह की गर्भवती थी। वह 20 अप्रैल तक बिलकुल ठीक थी। 21 को अचानक उसे दर्द शुरू हुआ। वह उसे निजी अस्पताल ले गए। सात घंटे तक डाक्टर ने कोरोना का डर दिखाकर जांच नहीं की। उसके बाद प्री मेच्योर सिजेरियन कर डिलीवरी करवाई। बच्चा मृत था। 22 को हालत और खराब हो गई तो उन्हें डीएमसी रेफर कर दिया। डीएमसी अस्पताल आने पर पता चला कि पत्नी की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं।

chat bot
आपका साथी