पीआइओ महिला एजेंट के लिए वाट्सएप एक्टिवेट करवाने वाला चार दिन के रिमांड पर
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पीआइओ (पाकिस्तान इंटेलिजेंस आपरेटिव) द्वारा लगाए गए हनी ट्रैप में फंस कर उसके लिए भारतीय मोबाइल नंबरों से वाट्सएप एक्टिवेट करवाने वाले जसविदर सिंह का पांच दिन का पुलिस रिमांड खत्म हो गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पीआइओ (पाकिस्तान इंटेलिजेंस आपरेटिव) द्वारा लगाए गए हनी ट्रैप में फंस कर उसके लिए भारतीय मोबाइल नंबरों से वाट्सएप एक्टिवेट करवाने वाले जसविदर सिंह का पांच दिन का पुलिस रिमांड खत्म हो गया। रविवार को उसे फिर से अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन का और रिमांड हासिल करके पुलिस की सीआइए-3 टीम पूछताछ में जुट गई है।
इंस्पेक्टर यशपाल शर्मा ने कहा कि अब तक इंटेलिजेंस की टीमें उससे पूछताछ कर रही थीं। इसलिए पुलिस को उससे पूछताछ करने का मौका नहीं मिला है। अब रिमांड के दौरान पता लगाया जाएगा कि उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए वाट्सएप नंबर पर किस-किस से क्या-क्या बात की गई। कैसे पीआइओ की महिला एजेंट भारतीय डिफेंस के दो ग्रुपों में शामिल होने में सफल हो गई। सोमवार फिर से एजेंसियों के अधिकारी लुधियाना आकर उससे पूछताछ करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि पीआइओ अब तक पंजाब में और कितने युवाओं को अपने हनी ट्रैप में फंसा चुकी है, जिनके सहारे वो भारत की खुफिया जानकारियां हासिल करने में जुटी हुई है।
सीआइए-3 टीम ने 13 सितंबर को किया था गिरफ्तार
पुलिस की सीआइए-3 टीम ने मलौद के गांव ऊंची दौद निवासी जसविदर सिंह (35) को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन बरामद किया था, जिसमें दो सिम चल रहे थे। इसके अलावा उसकी जेब से एक अन्य सिम भी बरामद किया गया था। मंगलवार उसे अदालत में पेश करके पांच दिन के रिमांड पर लिया गया था। पाकिस्तानी महिला एजेंट ने खुद को बठिडा कैंट की रहने वाली जसलीन बराड़ बताकर इंटरनेट मीडिया पर जसविदर से दोस्ती की। उसने यह भी कहा कि वो आर्मी बैकग्राउंड से है। उसके परिवार के सब लोग सेना में ही हैं। उन सब बातों के कारण जसविदर उसके प्रभाव में आ गया। जसविदर खुद भी आर्मी में जाना चाहता था, इसलिए आर्मी उसके लिए आकर्षण का केंद्र थी। युवती ने उससे ऐसे जानकारों के नंबर लिए, जो सेना में जाना चाहते थे या फिर जा चुके थे। कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए उसने उनमें से सात ऐसे लोगों से दोस्ती करके अपनी हनी ट्रैप में फंसाया, जो सेना में कार्यरत हैं। फिर उन्हीं के माध्यम से वो सेना के ग्रुपों में शामिल हो गई।