AAP Sanjay Singh Surrender: मानहानि के केस में आप नेता संजय सिंह का अदालत में सरेंडर, मिली जमानत

तिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत में सरेंडेर करने के साथ ही संज सिंह ने नई जमानत याचिका लगाईं और अनुपस्थिति के कारण बताते हुए कहा कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी । इसके बाद अदालत ने उनकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 08:09 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 08:09 PM (IST)
AAP Sanjay Singh Surrender: मानहानि के केस में आप नेता संजय सिंह का अदालत में सरेंडर, मिली जमानत
आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की फाइल फोटो।

लुधियाना, रजनीश लखनपाल। पंजाब के पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम मजीठिया की ओर से दायर मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने के एक दिन बाद ही अदालत में सरेंडेर कर दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत में सरेंडेर करने के साथ ही उन्होंने नई जमानत याचिका लगाईं और अनुपस्थिति के कारण बताते हुए कहा कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी। इसके बाद अदालत ने उनकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया व एक लाख रुपये के जमानती बांड भरवाए। इसके साथ ही अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश को वापस ले लिया। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। 

6 सितंबर को मजीठिया की ओर से गवाह पूर्व अकाली मंत्री महेशिंदर सिंह ग्रेवाल जिरह के लिए अदालत में मौजूद थे। उनके अलावा एक समाचार पत्र का एक अधिकारी भी उपस्थित था, जिसे संजय सिंह के वकील ने बतोर गवाह समाचार पत्र के साथ बुलाया था। लेकिन गवाह से जिरह के लिए न तो आरोपित अदालत में आया और न ही उसका वकील उपस्थित हुआ। हालांकि एक वकील ने आरोपित की ओर से इस दलील के साथ छूट का आवेदन किया था कि वह पार्टी की बैठकों में व्यस्त हैं। इसलिए, व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए। मजीठिया के वकील डीएस सोबती ने इसका कड़ा विरोध किया था। मानहानि के इस मामले में आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इस मामले में फरवरी 2016 में तलब किया गया था।

यह था मामला

पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपित ने झूठा और मानहानि वाला बयान दिया था कि राज्य में ड्रग रैकेट में उनका हाथ है। उन्होंने उनके खिलाफ 9 सितंबर, 2015 को मोगा में एक रैली में ऐसा बयान दिया था। आरोपित ने उन्हें बदनाम करने के लिए भ्रामक अभियान चलाया। 

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