लुधियाना के पाश इलाकों में डेंगू के 60 प्रतिशत मरीज

डेंगू जल्द काबू होता नहीं दिख रहा है। रोज बड़ी संख्या में डेंगू मरीज सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को भी डेंगू के 63 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही जिले में इस साल अब तक मिले डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1163 तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Oct 2021 01:21 AM (IST) Updated:Sat, 30 Oct 2021 01:21 AM (IST)
लुधियाना के पाश इलाकों में डेंगू के 60 प्रतिशत मरीज
लुधियाना के पाश इलाकों में डेंगू के 60 प्रतिशत मरीज

जागरण संवाददाता, लुधियाना :

डेंगू जल्द काबू होता नहीं दिख रहा है। रोज बड़ी संख्या में डेंगू मरीज सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को भी डेंगू के 63 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही जिले में इस साल अब तक मिले डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1163 तक पहुंच गया है।

सेहत विभाग के अनुसार अकेले लुधियाना शहर में डेंगू के 870 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 60 फीसद मरीज पाश इलाकों के रहने वाले हैं। मात्र 20 फीसद मरीज स्लम एरिया से सामने आए हैं। अन्य 20 फीसद केस गांवों से सामने आ रहे हैं। शहर के पाश इलाकों में डेंगू के अधिक मरीज सामने आने पर सेहत विभाग ने इसे हाई प्रायोरिटी एरिया घोषित कर दिया है। हाई प्रायोरिटी एरिया में फागिंग करवाई जा रही है। घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा की जांच की जा रही है। टीमें बनाई गई हैं जो इन इलाकों में जाकर देखेंगी कि यहां डेंगू के इतने मरीज क्यों मिल रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जाएगा।

यह हैं शहर के 'हाई प्रायोरिटी एरिया'

सराभा नगर, गुरदेव नगर, पक्खोवाल, राजगुरु नगर, बीआरएस नगर, दुगरी, अर्बन एस्टेट, माडल ग्राम, सिविल लाइन, सिविल सिटी, सेक्टर-32, सेक्टर-39, किचलू नगर, प्रेम नगर, आत्म नगर, माडल टाउन, सनेत, माडल ग्राम, माडल टाउन एक्सटेंशन,रघुनाथ एन्क्लेव, रिशी नगर, ग्रीन पार्क, चंद्र नगर, टैगोर नगर, संतविहार, दुर्गापुरी, अग्रनगर, सराभा नगर, सुखेवाल, उपकार नगर, पटेल नगर, प्रोफेसर कालोनी, बसंत एवन्यू, कुंदनपुरी, विकास नगर, एसबीएस नगर, फील्डगंज, एमआइजी फ्लैट, जमालपुर अर्बन, साउथ सिटी, आशापुरी, बाड़ेवाल, एसबीएस नगर, माल रोड और मल्हार रोड सहित कई अन्य इलाके इसमें शामिल हैं।

लोग नहीं करते सहयोग

सेहत विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पाश इलाकों में डेंगू के मरीज मिलने पर टीम को वहां फालोअप के लिए भेजा जाता है। जब टीम उनके घरों में मच्छरों की ब्रीडिग की जांच करने और स्प्रे के लिए जाती है तो लोग सहयोग नहीं करते हैं। इस कारण कई जगह टीम डेंगू पाजिटिव मरीज के घर में भी स्प्रे नहीं कर पाती है। इससे दूसरे घरों में भी डेंगू फैलने का खतरा बना रहता है।

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