13 ट्रांसपोर्टरों को 51-51 हजार जुर्माना, बादलों की बसों को एक-एक हजार
बादल परिवार से संबंधित कंपनियों की बसों को मात्र एक-एक हजार रुपये जुर्माना लगाया है जबकि अन्य से मोटी रकम वसूली गई है। 13 बसों के आपरेटरों से 51-51 हजार और पांच से पांच से छह हजार रुपये वसूल किए गए।
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
परिवहन मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग ने लुधियाना में निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 25 से अधिक को बंद करवाया था। इनमें दो बसें बादल परिवार से संबंधित ट्रांसपोर्ट कंपनियों की थीं। क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण (आरटीए) ने इन बसों के आपरेटरों पर लगाया जाने वाले जुर्माना तय कर लिया है। बादल परिवार से संबंधित कंपनियों की बसों को मात्र एक-एक हजार रुपये जुर्माना लगाया है जबकि अन्य से मोटी रकम वसूली गई है। 13 बसों के आपरेटरों से 51-51 हजार और पांच से पांच से छह हजार रुपये वसूल किए गए। पांच बसें अब भी आरटीए की कस्टडी में हैं।
आरटीए दफ्तर के मुलाजिमों का कहना है कि बसों के दस्तावेजों की जांच के बाद ही यह जुर्माना तय किया गया है। जिन बस आपरेटरों को 51 हजार रुपये जुर्माना किया गया उन्होंने टैक्स जमा नहीं करवाया था। जिन पांच बसों से पांच से छह हजार रुपये वसूले गए हैं उनके पास कुछ अन्य दस्तावेज नहीं थे लेकिन टैक्स भरा हुआ था। ऑरबिट व राजधानी ट्रांसपोर्ट कंपनी की बसों के पास सभी दस्तावेज पूरे थे लेकिन वह मौके पर दस्तावेज नहीं दिखा पाए थे इसलिए उन्हें एक-एक हजार रुपये जुर्माना किया गया है।
वहीं, आरटीए सचिव नरिदर पाल सिंह धालीवाल का कहना है कि उनके पास जो बस आपरेटर आ रहे हैं उनसे जुर्माना वसूलकर बसों को छोड़ा जा रहा है। बादल परिवार की बसों को किए गए जुर्माने के सवाल पर उन्होंने फोन काट दिया।
एक्सपर्ट की राय :
आरटीए सचिव के पास होता है जुर्माना तय करने का अधिकार
ट्रैफिक एक्सपर्ट डा. कमलजीत सोई का कहना है कि अगर बसों का चालान किया गया है तो निश्चित तौर पर उन्होंने किसी नियम की अनदेखी की होगी। बस आपरेटर ने मौके पर दस्तावेज नहीं दिखाए तो वह बाद में भी आरटीए के सामने पेश कर सकता है। आरटीए सचिव के पास अधिकार होता है कि वह उन्हें कितना जुर्माना करता है। आरटीए ही इंफोर्समेंट एजेंसी
यह अधिकार आरटीए सचिव का है। वही इस मामले में इंफोर्समेंट एजेंसी है। उन्हें ही इस मामले में कार्रवाई करनी है।
डा. अमरपाल, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पंजाब