ताजपुर डंप पर बिना प्रोसेसिंग 45 हजार टन कूड़ा जमा, निगम की बढ़ेगी परेशानी

कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने मुख्य डंप पर कूड़ा प्रोसेसिंग पर रोक लगा दी। इस कारण ताजपुर कूड़ा डंप पर बिना प्रोसेसिंग का 45 हजार टन से ज्यादा कूड़ा जमा हो गया।

By Edited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 09:11 AM (IST)
ताजपुर डंप पर बिना प्रोसेसिंग 45 हजार टन कूड़ा जमा, निगम की बढ़ेगी परेशानी
ताजपुर डंप पर बिना प्रोसेसिंग 45 हजार टन कूड़ा जमा, निगम की बढ़ेगी परेशानी

लुधियाना, जेएनएन। कोरोना काल में शहर को कूड़ा फ्री रखना निगम के सामने बड़ी चुनौती रही। हालांकि नगर निगम ने शहर में कूड़ा प्रबंधन करने वाली कंपनी पर नकेल कसते हुए सेकेंडरी डंपों पर कूड़े के ढेर लगने नहीं दिए। नतीजा यह रहा कि रोजाना शहर के सेकेंडरी डंपों से कूड़ा प्रतिदिन लिफ्ट होता रहा। इसे कंपनी ताजपुर स्थित मुख्य कूड़ा डंप तक पहुंचाती रही। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने मुख्य डंप पर कूड़ा प्रोसेसिंग पर रोक लगा दी। इस कारण ताजपुर कूड़ा डंप पर बिना प्रोसेसिंग का 45 हजार टन से ज्यादा कूड़ा जमा हो गया। 

यह अब निगम व कंपनी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। वहीं क‌र्फ्यू खत्म होते ही शहर में कूड़े की आमद में भी इजाफा होने लगा है। और अब भी डंप में कूड़े की प्रोसेसिंग शुरू नहीं हो सकी। क‌र्फ्यू के दौरान शहर में रोजाना औसतन 650 से 700 टन कूड़ा निकलता रहा। जैसे ही क‌र्फ्यू खत्म हुआ और लोगों को ढील मिलनी शुरू हुई वैसे की शहर में कूड़े की आमद बढ़ गई। लुधियाना के सेकेंडरी डंपों पर इन दिनों रोजाना 900 से 950 टन कूड़ा आने लगा है, यह क‌र्फ्यू काल से करीब ढाई सौ टन ज्यादा है। 22 मार्च से अब तक ताजपुर डंप पर कूड़े की प्रोसेसिंग बंद है। इस वजह से कूड़े को बिना प्रोसेसिंग के ही रखा जा रहा है। जब तक केंद्र सरकार से कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए हरी झंडी नहीं मिलती, तब तक यह कूड़ा बिना प्रोसेसिंग के ही जमा होता रहेगा।

 कूड़ा प्रबंधन करने वाली कंपनी एटूजेड के प्रबंधकों के अनुसार डंप साइट पर आरडीएफ (रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल) प्लांट व कंपोस्ट प्लांट बंद हैं। इस कारण न तो सूखे कूड़े का निस्तारण हो रहा है और न ही गीले कूड़े के निस्तारण के लिए कंपोस्ट प्लांट चलाया जा रहा है। कूड़े से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा कूड़े से रहता है। इसलिए इस कोरोना काल में केंद्र सरकार ने कूड़ा डंप में कूड़े की प्रोसेसिंग पर रोक लगाई। लेकिन इस दौरान कंपनी ने शहर से कूड़ा लिफ्टिंग करने वालों के लिए ग्लव्स, मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था करवाई। वहीं नगर निगम ने भी सफाई कर्मचारियों की सेहत का पूरा ख्याल रखते हुए उन्हें भी मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर के साथ समय समय पर उनके स्वास्थ्य की जांच करवाई। 

बरसात से पहले बरसाती नालों की हो रही सफाई

नगर निगम ने बरसाती सीजन से पहले शहर के ड्रेनेज सिस्टम की सफाई करनी शुरू कर दी। एक तरफ बुड्ढा दरिया और दूसरी तरफ शहर के अंदरूनी हिस्सों में भी सीवरेज की सफाई की जा रही है। यही नहीं शहर में कूड़ा की लिफ्टिंग समय पर होती रहे इसके लिए मेयर बलकार सिंह संधू ने हेल्थ ब्रांच को सख्त हिदायतें जारी की हैं। स्टार रेटिंग के लिए मेयर ने की योजना तैयार केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से इस साल से सभी शहरों को स्टार रेटिंग में शामिल किया जाएगा। पिछली बार नगर निगम लुधियाना ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था क्योंकि तब शहर में कूड़ा प्रबंधन को लेकर काफी दिक्कतें थी। मेयर बलकार सिंह संधू की मानें तो इस साल के लिए निगम अभी से तैयारी में जुट गया है। इस साल एक दर्जन के करीब स्टेटिक कंपेक्टर शुरू हो जाएंगे और शहर में घर-घर कूड़ा कलेक्शन 100 फीसद हो जाएगा। इसके अलावा कूड़ा सेग्रीगेशन को लेकर भी काम किया जा रहा है। मेयर का कहना है कि बल्क में कूड़ा जनरेट करने वालों को भी अपने कंपोस्ट प्लांट बनाने को कह दिया गया है। इससे शहर में कूड़ा प्रबंधन और भी आसान हो जाएगा।

शहर में कूड़ा प्रबंधन पर पूरी नजर रखी जा रही है। कोविड काल में मैं खुद अफसरों के साथ एक एक सेकेंडरी कूड़ा डंप चेक करता रहा हूं। जहां से समय पर कूड़ा लिफ्ट नहीं हो रहा था वहां कंपनी की खिंचाई भी की। अभी पूरे शहर में कूड़ा लिफ्टिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। डंप साइट पर कूड़े की प्रोसेसिंग बंद है जैसे दिशा निर्देश आएंगे उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-बलकार सिंह संधू, मेयर लुधियाना

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