Bhatinda Coronavirus News: बठिंडा में काेराेना महामारी बेकाबू, हर घंटे मिल रहे 27 नए संक्रमित मरीज

Bhatinda Coronavirus News शहर की समाजसेवी संस्थाओं ने शनिवार शाम पांच बजे तक 21 कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया है जिसमें 15 मरीज बठिेंडा जिलेे दो दिल्ली निवासी एक मुक्तसर साहिब दो सिरसा के शामिल है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 10:59 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 12:21 PM (IST)
Bhatinda Coronavirus News: बठिंडा में काेराेना महामारी बेकाबू, हर घंटे मिल रहे 27 नए संक्रमित मरीज
बठिंडा जिले में कोरोना महामारी की स्थिति बेकाबू।

बठिंडा, जेएनएन। Bhatinda Coronavirus News: प्रशासन के तमाम कोशिशों के बावजूद बठिंडा जिले में कोरोना महामारी की स्थिति बेकाबू होती जा रही है। शनिवार को मई माह के पहले दिन ही 653 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले है। हर घंटे 27 नए कोरोना मरीज मिल रहे है। इनमें 30 फीसदी मरीज ऐसे है, जिनकी उम्र 20 से लेकर 45 साल के बीच है। इसके अलावा शनिवार को 15 मरीजों की मौत हुई है, जोकि अब तक की सबसे ज्यादा मौत है।

हालांकि, शहर की समाजसेवी संस्थाओं ने शनिवार शाम पांच बजे तक 21 कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया है, जिसमें 15 मरीज बठिेंडा जिलेे, दो दिल्ली निवासी एक मुक्तसर साहिब, दो सिरसा के शामिल है। वहीं अब तक संक्रमितों की कुल गिनती 21315 और मृतकों का आंकड़ा 368 तक पहुंच चुका है। सेहत विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को 269 मरीज स्वस्थ हुए है। इसके साथ ही अब तक 15806 मरीज स्वस्थ हो चुके है। कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 5141 पर पहुंच गई, जिसमें 4262 मरीज होम आइसोलेट में है़ और 658 कोरोना संक्रमित मरीज अनट्रेस है, जिनकी तलाश सेहत विभाग की टीमें लगातार कर रही है।

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प्राइेम केयर अस्पताल के एमडी मेडिसन डा. परमिंदर बांसल का कहना है कि आक्सीजन लेवल 90 से कम हो तो ही डाक्टर के पास जाएं। घर में आक्सीमीटर रखेंं और दिन में दो से तीन बार आक्सीजन लेवल चेक करें। आक्क्सीजन लेवल 90 से कम हो तो डाक्टर से संपर्क करें। लक्षण आने पर तुरंत आररटी-पीसीआर टेस्ट करवाएं। अगर डाक्टर कहे कि जरूरत है तो ही चेस्ट सीटी स्कैन करवाएं। बुखार आने पर पैरासीटामोल ही लें।

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इस तरह रोकी जा सकती है आक्सीजन की बर्बादी

सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो का कहना है कि मरीज संक्रमण का शिकार हो रहे हैं, उनमें काफी तनाव बना हुआ है। इसका बड़ा कारण आक्सीजन की कमी है। इसके चलते जिन संक्रमित मरीजों को आक्सीजन की जरूरत नहीं है और घर में रहकर ठीक हो सकते हैं। उन्होंने अपील कि

मरीज वाशरूम जाने या खाना खाने पर आक्सीजन मास्क उतारता है तो आक्सीजन बंद करें या आक्सीजन लीक हो रही हो तो नर्स या वार्ड बॉय को बताएं। मेनिफोल्ड के जरिए पाइपलाइन में आक्सीजन की सप्लाई में लीकेज बंद होनी चाहिए। मेनिफोल्ड स्टाफ ट्रेंड हो ताकि तय और जरूरत अनुसार कितना प्रेशर चाहिए, इसका उसे उसे पता होना चाहिए।

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