25 वर्ष पुरानी नीलू और गामा की प्रेम कहानी, दोनों के बीच का प्यार संगीत बनकर बुलंदियों तक पहुंचा

यह 25 वर्ष पुरानी नीलू और गामा की प्रेम कहानी है। इन वर्षों में इनका प्यार हर दिन बढ़ा। यह जोड़ी आज पंजाब में गामा फकीर और नीलू बेगम के रूप में पंजाब में मशहूर गायक जोड़ी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 05:50 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:47 AM (IST)
25 वर्ष पुरानी नीलू और गामा की प्रेम कहानी, दोनों के बीच का प्यार संगीत बनकर बुलंदियों तक पहुंचा
मकान की छत पर बनी झोपड़ी के बाहर नीलू बेगम। जागरण

नेहा शर्मा, मोगा। पेट पालने के लिए गली-गली गाने वाली बंजारन परिवार की बेटी नीलू 24 साल पहले स्टेज पर गा रहे 15 साल के छैल छबीले गुरनाम सिंह उर्फ गामा फकीर की सुरीली आवाज पर फिदा हो गई। वह उसे अपना दिल दे बैठी। स्टेज सिंगर भी गली-गली में गाने वाली बंजारन से मिला तो उसे ना नहीं कह सका। परिवार के तमाम विरोध के बावजूद दोनों ने 21 साल पहले शादी रचाई। आज ये जोड़ी गामा फकीर व नीलू बेगम की गायक जोड़ी के रूप में पंजाब में मशहूर हो चुकी है।

उस दौर में जब युवाओं में इंटरनेट मीडिया पर प्यार शुरू होता है, वहीं पर खत्म हो जाता है। 24 साल बाद भी दोनों का प्यार हर दिन परवान चढ़ रहा है। बड़ी बात ये है कि आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से उठकर दोनों आज संगीत की बुलंदियों पर हैं, लेकिन उनके पांव आज भी जमीन पर हैं। शादी के बाद गामा फकीर ने सुल्तानपुर लोधी से मोगा के कस्बा धर्मकोट में शिफ्ट होकर अपना खूबसूरत घर बना लिया। उसी घर की ऊपरी मंजिल पर बंजारन परिवारों की तरह एक झोंपड़ी बना ली। इसके पीछे गामा फकीर व नीलू बेगम का कहना है कि ये झोपड़ी उनके प्रेम का प्रतीक है, जो हर पल अहसास करवाता है कि भले ही आज वे बुलंदियों पर हैं, लेकिन उनका अतीत तो यही था, उसे वह भूलना नहीं चाहते। दोनों फुर्सत के पल उसी झोपड़ी में बिताते हैं।

गायक गामा फकीर व नीलू बेगम एक शाे में। जागरण

ये है प्रेमी युगल की कहानी

करीब 25 साल पहले सुल्तानपुर लोधी का रहने वाला लगभग 15 साल का बालक गुरनाम सिंह एक मंच पर गा रहा था। शहर दर शहर बदलते हुए अपने परिवार के साथ उन दिनों बंजारन परिवार की नीलू सुल्तानपुर लोधी में ही रहती थी। वह उस कार्यक्रम में चली गई। जहां वह गुरनाम की आवाज सुनकर उस पर ऐसी फिदा हुई कि उससे मिलने की ठान ली। गुरनाम जब मंच से नीचे उतरा तो नीलू उससे मिलने पहुंच गई।

गुरनाम को भी नीलू का ये व्यवहार पसंद आया। नीलू खुद भी गाती थी। गुरनाम को भी नीलू पसंद आ गई, दोनों का मिलना जुलना शुरू हुआ। एक दिन गुरनाम बंजारन को घर ले आया। पिता को सारी कहानी बताई तो वह बंजारन नीलू को घर में रखने पर सहमत हो गए, लेकिन मां इसके लिए तैयार नहीं थी। धीरे-धीरे गुरनाम सिंह ने नीलू के साथ मंच पर गाना शुरू किया तो श्रोताओं ने उनकी आवाज पर खूब प्यार लुटाया। दोनों ज्यादातर भक्ति के गाने गाते हैं। ये जोड़ी ऐसी हिट हुई कि गुरनाम की गायकी मंच पर गामा फकीर के रूप में तो नीलू की पहचान नीलू बेगम की बन गई। आज ये जोड़ी मशहूर हो चुकी है।

शादी के बाद धर्मकोट में बस गए

गायकी के क्षेत्र में लगातार मशहूर होने के बाद गुरनाम की मां भी मान गईं और उन्होंने सिख रीति-रिवाज के साथ गुरनाम की शादी नीलू के साथ कर दी। शादी के दो महीने बाद ही गामा फकीर व नीलू बेगम ने धर्मकोट में आकर बस गए, यहीं अपनी दुनिया बसा ली। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में गामा फकीर व नीलू ने कहा कि दोनों के बीच हर दिन प्यार बढ़ा है, कम नहीं हुआ। शायद यही वजह है कि जीवन के 24 साल कब गुजर गए पता ही नहीं चले। स्टेज प्रोग्राम से जब फुर्सत मिलती है तो आज भी पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए एक-दूसरे में खो जाते हैं। कहीं सफलता की बुलंदियां उन्हें उनकी हकीकत से दूर न ले जाए, इसलिए छत पर बंजारन की झोपड़ी बना रखी है।

बचपन का नाम नीलम गोयल था

नीलू बेगम का बचपन का नाम नीलम गोयल था। गायिका के रूप में वह नीलू बेगम के नाम से मशहूर हुई। गुरनाम सिंह सिख मिस्त्री परिवार से तालुक रखते हैं, जबकि नीलू बेगम का संबंध गाड़िया वाले जोगिया जाति से है। नीलू बेगम के पिता जी पाकिस्तान में पहलवान थे, पंचायत के सदस्य भी थे। 1947 में देश के बंटवारे के बाद वह भारत में आकर बस गए।

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