जिगर की बीमारी से हर साल चली जाती है हजारों की जान

हेपेटाइटिस जिगर का रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल हेपेटाइटिस से जाती है हजारों की जान

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 08:08 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:43 AM (IST)
जिगर की बीमारी से हर साल चली जाती है हजारों की जान
जिगर की बीमारी से हर साल चली जाती है हजारों की जान

संवाद सहयोगी, कपूरथला : हेपेटाइटिस जिगर का रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल इस बीमारी से हजारों लोगों की जान चली जाती है।

उक्त बात कपूरथला कीसिविल सर्जन डा. परमिंद्र कौर ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर कही। उन्होंने बताया कि जीवनशैली में बदलाव, मोटापा, डायबिटीज और मेटाबोलीजम रोगों के कारण होती है। हेपेटाइटिस वायरस-ए, बी, सी, डी और ई के कारण होता है। इसके अलावा शराब का सेवन, कुछ दवाओं का प्रयोग भी इसका कारण बनता है।

गौर हो कि हेपेटाइटिस ए वायरस दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है। हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमित रक्त और शरीर के अन्य तरल पदार्थो के संपर्क में आने से फैलता है। यहीं नहीं जन्म के दौरान संक्रमित मां से उसके बच्चे में भी वायरस के ट्रांसमिशन की संभावना होती है। हेपेटाइटिस सी वायरस भी संक्रमित रक्त के संपर्क संपर्क में आने से फैलता है और गंभीर रूप धारण कर जाने पर लीवर खराब भी हो सकता है। हेपेटाइटिस-डी आमतौर पर हेपेटाइटिस-बी वाले लोगों में होता है और हेपेटाइटिस-ई मुख्य रूप से दूषित पानी से फैलता है। सिविल सर्जन डा. परमिंद्र कौर ने जोर दिया कि समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज जरूरी है।

जिला एपीडीमोलोजिस्ट-कम-नोडल अधिकारी डा. नवप्रीत कौर ने बताया कि संतुलित व साफ-स्वच्छ भोजन, शराब व सिगरेटनोशी से परहेज, जंक फूड से दूरी बना कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने लोगों को बिना डाक्टरी परामर्श से कोई भी दवाई न लेने के लिए भी कहा। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि सिविल अस्पतालों में हेपेटाइटिस-सी का इलाज निश्शुल्क किया जाता है। इस दौरान डिप्टी मास मीडिया अधिकारी बलजिन्द्र कौर ने भी लोगों को हैपेटाईटस संबंधी कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत नजदीक के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने की अपील की। इस मौके पर जागरूकता पोस्टर भी रिलीज किए गए। इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डा. अनु शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. कुलजीत सिंह, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. सारिका दुग्गल, जिला परिवार भलाई अधिकारी डा. राज करनी, डा. भरमिंदर बैंस, डा. सुखविन्द्र कौर, डा. शुभ्रा सिंह, सुपरिटेंडेंट राम अवतार, हेल्थ सुपरवाईजर गुरवीर सिंह, बीईई रविंद्र जस्सल मौजूद थे।

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