कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे से जिले में पलट गई सियासी बाजी

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे के बाद जिले के तीन विधायक सिद्धू के खेमें में शामिल हो गए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:53 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 11:13 PM (IST)
कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे से जिले में पलट गई सियासी बाजी
कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे से जिले में पलट गई सियासी बाजी

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे के बाद जिले में कांग्रेस के अंदरुनी सियासी समीकरण में भी पूरी तरह बदल गए है। कैप्टन समर्थक विधायक अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खेमे में आ गए है। शनिवार को पंजाब कांग्रेस में तेजी से घटित सियासी उठापठक से जिले की कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति भी अछूती नही रही है। अभी तक कैप्टन की अगुआई में रहने वाले विधायकों का कहना है कि वह कांग्रेस के वफादार सिपाही हैं। हाईकमान जिसे कांग्रेस की बागडोर सौंपेंगे वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

विरासती जिले में चार विधान सभा हलके हैं और चारों पर इस समय सत्ताधारी कांग्रेस काबिज है। कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह, सुल्तानपुर लोधी के एमएलए नवतेज सिंह चीमा एवं भुलत्थ के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा आप की टिकट पर चुनाव जीत कर कांग्रेस में शामिल हुए है। राणा, चीमा व खैहरा तीनों ही कैप्टन गुट के माने जाते हैं लेकिन तीनों का ही आपस में छत्तीस का आंकड़ा है। हालाकि फगवाड़ा के विधायक बलविदर सिंह धालीवाल कुछ बैलेंस बना कर चल रहे हैं। वह खुद को कैप्टन के साथ भी पाते है और सिद्धू के स्वागत में भी पहुंच जाते हैं।

कांग्रेस में चल रही वर्चस्व की लड़ाई के समय राणा, खैहरा व चीमा बेशक कैप्टन के साथ दिखाई रहे हैं लेकिन अंदर खाते इनमें कुछ विधायक सिद्धू को भी अपने समर्थन जता चुके है। इसके चलते शनिवार को कैप्टन के इस्तीफे के साथ ही वफादारी भी बदल गई।

सुल्तानपुर लोधी के विधायक नवतेज सिंह चीमा का कहना है कि वह कांग्रेस के वफादार सिपाही हैं। कैप्टन अमरिदर सिंह पंजाब के मुख्य मंत्री थे तो उनका सीएम के साथ होना स्वाभाविक था। कांग्रेस हाईकमान के फैसले के बाद अब जिसे नेतृत्व सौंपा जाएगा वह उनके साथ खड़े होंगे। कांग्रेस की नीतियों को घर घर पहुंचाने के लिए काम करेंगे और पार्टी नेतृत्व के साथ कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।

उधर राणा गुरजीत सिंह का कहना है कि कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है जिसके चलते तमाम एमएलए एवं ओहदेदार कांग्रेस का अहम हिस्सा है। कैप्टन अमरिदर सिंह पहले सरकार का नेतृत्व कर रहे थे और नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वह तो हमेशा कांग्रेस के साथ खड़े है। कैप्टन अमरिदर सिंह ने कांग्रेस की मजबूती के लिए काफी काम किया है और अब सूबे की जनता को नवजोत सिंह सिद्धू से बहुत उम्मीदें है। वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही के तौर पर हाइकमान के फैसले के मुताबिक कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।

उधर आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव जीत कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक सुखपाल सिंह खैहरा बेशक कैप्टन अमरिदर सिंह की प्रेरणा से कांग्रेस में शामिल हुए थे लेकिन अब वह भी सिद्धू खेमे में आ चुके हैं।

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