हड़ताल से थमा बसों का पहिया, यात्री हुए परेशान
कपूरथला बस स्टैंड में पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी,कपूरथला : पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन पंजाब के आह्वान पर बुधवार को कपूरथला में पनबस और पीआरटीसी की बसें नहीं चली। यात्रियों का परेशानी झेलनी पड़ी। कई यात्री निजी बसों में यात्रा करते हुए देखे गए तथा उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में विलंब हुआ।
बुधवार को कपूरथला डिपो में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ धरना दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह पन्नू, सीनियर उपाध्यक्ष हरपाल सिंह भुल्लर व गुरमीत सिंह भुल्लर ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने के चलते पनबस और पीआरटीसी कर्मचारी हड़ताल करने के लिए मजबूर हुए हैं। 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने विश्वास दिलाया था कि कच्चे कर्मचारियोंको 20 दिन में पक्का किया जाएगा, परंतु नया एक्ट आने के उपरांत यह स्पष्ट हो गया कि ट्रांसपोर्ट विभाग का एक भी कर्मचारी पक्का नहीं होगा। यूनियन सदस्यों ने मांग की थी कि 10 हजार सरकारी बसें खरीदी जाए लेकिन चन्नी सरकार की ओर से एक भी बस सरकारी खजाने में से नहीं खरीदी गई। पंजाब रोडवेज की 2407 बसों में से 399 बसें ही रह गई हैं। मुख्यमंत्री पंजाब और ट्रांसपोर्ट मंत्री निश्शुल्क यात्रा सुविधा देने के ऐलान कर रहे हैं जो कि हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट यूनियन, किसान यूनियन, मजदूर जत्थेबंदियां, ट्रेड यूनियनों और लोगों की ओर से जायज मांगों के लिए किए जा रहे संघर्ष को भारी बल मिल रहा है लेकिन डिपो के जनरल मैनेजर संघर्ष को दबाने के लिए मामले दर्ज करवाने के साथ साथ अब नई भर्ती बिना ड्राइविग टेस्ट लेकर कर रहे हैं। यूनियन की मांग है कि आउटसोर्स पर भर्ती करने वाले अधिकारियों पर मामला दर्ज किए जाए।