बारिश में बहे नगर निगम के प्रबंध
बुधवार को सुबह पांच से छह बजे तक हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : बुधवार को सुबह पांच से छह बजे तक हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया। सुबह पांच बजे आसमान में काले बादल छा गए और छह बजे तकजमकर बरसे। इससे लोगों को कई दिनों से पड़ रही उमस भरी गर्मी से राहत जरूर मिली। दोपहर एक बजे के बाद धूप निकलने से गर्मी बढ़ गई।
बुधवार सुबह करीब एक घंटे हुई बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी। शहर की सड़कों, गलियों तथा बाजारों में जलभराव होने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई। सीवरेज तथा नालों की सफाई नहीं होने से सड़कों पर गंदा पानी भर गया। बारिश के कारण मोहब्बत नगर, कोटू चौक, शेखूपुर, माडल टाऊन, कायम पूरा के अलावा कई इलाकों समेत नगर के विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव जैसी स्थिति पैदा हो गई। कई जगह सीवरेज जाम होने से कर्मचारी उसे ठीक करते देखे गए।
शहर के खजानचियां मोहल्ला की सीमा ने बताया कि बुधवार की सुबह हुई भारी बारिश के कारण नालियां ओवरफ्लो होने के कारण बारिश का पानी गलियों में भर गया। नालियों की सफाई न होने के कारण बदबू से मोहल्ला वासियों को खासी परेशानी हुई। लोगों का कहना था कि नगर निगम बारिश से पहले शहर के नालों व सीवरेज की सफाई के दावे तो बहुत करती है मात्र एक घंटे की बारिश से नगर निगम के दावों की पोल खुल गई है। लंबे समय से सफाई न होने के कारण नालों के बीच का बदबूदार कूड़ा आज बरसात ने सड़कों पर बिखेर दिया।
पॉलीथीन लिफाफे फेंकने से जाम हो रहा सीवरेज व नाले : ईओ
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी आदर्श कुमार ने कहा कि समय-समय पर सीवरेज व निकासी नालों की सफाई करवाई जाती है। लोग पॉलीथीन लिफाफे सीवरेज व नालों में फेंक देते है जिससे सीवरेज जाम हो जाता है। कौंसिल की संबंधित शाखा को इस समस्या के समाधान के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से अपील है कि वह नालियों तथा सीवरेज में प्लास्टिक के लिफाफे न फेंकें ।
बारिश से किसानों के खिले चेहरे
इस बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई। मानसून में देरी और भीषण गरमी के चलते धान के पौधे मुरझा रहे थे। बारिश से उन्हें पानी मिला है। जिले में करीब दो लाख 52 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपाई की जाती है। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी ने कहा कि बारिश से धान की फसलों को काफी फायदा होगा। इस बारिश का धान,घीया, करेला, तौरियां, भिडी, मटर आदि सब्जियों की फसल को भी फायदा होगा।