सिविल अस्पताल में दवाइयों की कमी से बढ़ी मरीजों की परेशानी

जिले में सरकारी अस्पतालों में नरीजों को सेहत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 11:27 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 11:27 PM (IST)
सिविल अस्पताल में दवाइयों की कमी से बढ़ी मरीजों की परेशानी
सिविल अस्पताल में दवाइयों की कमी से बढ़ी मरीजों की परेशानी

नरेश कद, कपूरथला

विरासती शहर के सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल की फार्मेसी से दवा नहीं मिलती है। कपूरथला सिविल अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीज जब डाक्टर की तरफ से दी गई पर्ची लेकर अस्पताल के फार्मेसी में जाते हैं तो उन्हें दवाइयां नहीं मिलती है। मरीजों को मजबूरन निजी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदना पड़ता है। अस्पताल में डाक्टरों और स्टाफ नर्स की भी कमी है। गंभीर हालात में उपचार के आने वाले मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।

प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने के कई योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन योजनाओं को अमलीजामा जामा नही पहनाया जाता। पिछले कुछ वर्षों के दौरान कपूरथला सिविल अस्पताल में मरीजों को कम मूल्य में अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस तथा डेंगू सहित अन्य बीमारियों के टेस्ट की सुविधा मिल रही है लेकिन सिविल अस्पताल में डाक्टरों की ओर से लिखी गई दवाईयां मरीजों को अस्पताल नहीं मिल रही। लोग निजी मेडिकल स्टोर से महंगी रेट पर दवा खरीदने को मजबूर हैं। अस्पताल में उपचार करवाने आए मरीजों की पर्ची पर जो दवा लिखी जाती है वह सिविल अस्पताल की फार्मेसी में नहीं मिलती। अगर दवाइयों में साल्ट की बात की जाए तो समान साल्ट की दवा सिविल अस्पताल के फार्मेसी तथा जन औषधि केंद्र में उपलब्ध होती हैं। परन्तु मरीज की पर्ची पर जो दवाइयां खरीदने के लिए चिकित्सक सुझाव देता है वह निजी मेडिकल स्टोर में ही उपलब्ध रहता है। सिविल अस्पताल में उपचार करवाने के लिए पहुंची कपूरथला निवासी बखशों ने बताया कि डाक्टर की ओर से लिखी गई दवा उसे अस्पताल के फार्मेसी में नहीं मिली। मजबूरन उसे निजी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदनी पड़ी।

अस्पताल में दवाइयों का स्टाक उपलब्ध : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. परमिदर कौर का कहना है कि अस्पताल के फार्मेसी में सरकार की तरफ से भेजी गई दवाइयों का स्टाफ उपलब्ध है। कई बार दवाइयां कम होने के चलते डाक्टर निजी मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवा लिखकर देते हैं ताकि मरीज के उपचार में कमी न रहे। डाक्टरों को अस्पताल के फार्मेसी में उपलब्ध दवा लिखने के आदेश दिए गए हैं।

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