काली बेई की नहीं करवाई सफाई, बारिश में बाढ़ की बन सकती है वजह

काली बेई में जलकुंभी की भरमार है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 09:50 PM (IST)
काली बेई की नहीं करवाई सफाई, बारिश में बाढ़ की बन सकती है वजह
काली बेई की नहीं करवाई सफाई, बारिश में बाढ़ की बन सकती है वजह

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

श्री गुरु नानक देव जी की चरण स्पर्श प्राप्त पवित्र काली बेई इस समय जलकुंभी से भरी पड़ी है। जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ से निपटने की तैयारियां पूरी कर लेने के दावे किए जा रहे हैं हकीकत कुछ और ही है। काली बेई से जलकुंभी निकलाने की कोशिश ही नहीं गई।

होशियारपुर के गांव टेरकियाना से शुरू होकर हरीके पत्तन में विलीन होने वाली लगभग 165 किलोमीटर लंबी काली बेई जलकुंभी से भरी पड़ी है। बारिश के मौसम में बेई का पानी कभी भी किनारे तोड़ कर किसानों की फसल बर्बाद कर सकता है। बेई की हालत को लेकर प्रशासन बेपरवाह है। संत बलबीर सिंह सीचेवाल व उनके कार सेवकों के रहमो करम पर ही काली बेई निर्भर होकर रह गई है।

जिले के कई गांवों से होकर गुजरती है काली बेई

भुलत्थ से लेकर हरीके पत्तण तक जाने वाली काली बेई जिले के अनेक गांवों से गुजरती है और इन गांवों को जोड़ने वाले पुल के पीछे बेई में दूर तक जलकुंभी भरी हुई है। इस वजह से बेई में पानी का बहाव ठीक से नही हो पाता और ज्यादा बारिश होने पर कई स्थानों से पानी बेई से बाहर निकलने का खतरा पैदा हो जाता है। इस समय कांजली, नानकपुर, दुर्गापुर, डडविडी, जैनपुर, कालेवाल, हरनामपुर आदि गांवों तक बेई जलकुंभी से भरी पड़ी है। बरसात होने पर जब बेई का पानी बढ़ता है तो जलकुंभी पुल की छत से लग जाती है जिससे पानी बेई की सीमाओं से बाहर निकल जाता है। इस कारण किसानों की फसलों को भी नुकसान हो जाता है। गांव दुर्गापुर के किसान लखविदर सिंह व जैनपुर के हरजिदर सिंह ने बताया कि उनके इलाके से बेई की कभी सफाई नही की गई। बेई में कई किलोमीटर तक जलकुंभी भरी पड़ी है। उनके गांव का पुल भी बेहद नीचे है जिस वजह से पानी बढ़ने पर यह जलकुंभी पुल से सट जाती है। गांव डडविडी के किसान परमजीत सिंह व परविदर सिंह ने बताया कि संत सीचेवाल के कारसेवकों ने ही बेई की थोड़ी बहुत सफाई की है, लेकिन सरकार की तरफ से इस दिशा में कभी कोई प्रयास नही किया गया।

बेई में डाला जा रहा सीवरेज का पानी : सीचेवाल

संत बलबीर सिंह सीचेवाल का कहना है कि बेई में अभी भी अनेक शहरों व गांवों का सीवरेज वाला गंदा पानी डाला जा रहा है। हर साल संगत बेई से जलकुंभी निकालने के काम में जुटती है और इस बार भी यह काम जल्द शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में संगत के अलावा जेसीबी मशीन की मदद भी ली जाएगी।

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