कांजली वेटलैंड की सुंदरता को लगा ग्रहण

कांजली वेटलैंड एशिया की चुनिदा वेटलैंड में शामिल है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:57 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 01:57 AM (IST)
कांजली वेटलैंड की सुंदरता को लगा ग्रहण
कांजली वेटलैंड की सुंदरता को लगा ग्रहण

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला

साल 1870 में बनाई गई कांजली वेटलैंड एशिया की चुनिदा वेटलैंड में शुमार है। कांजली वेटलैंड को विकसित कर यहां पर्यटकों को लाने की पिछले कई दशकों से योजनाएं बनीं लेकिन तमाम योजनाओं का सरकारी फाइलों में ही दम घुट कर रह गया। कई सरकारें आई और गईं लेकिन वेटलैंड का हाल बद से बदतर होता चला गया। कांजली में अब न कोई नाव है और न ही झूला। हर तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं।

कांजली के विकास के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट के तहत चार बार नींवपत्थर रखा गया। लगभग डेढ़ करोड़ रुपये भी खर्च किए गए लेकिन दशकों बाद एक भी प्रोजेक्ट मुकम्मल नही हुआ। संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कार सेवकों की मदद से कांजली वेटलैंड को साफ करवाया और बेई के किनारे सुंदर घाट का निर्माण किया। वहीं, जिला प्रशासन इस पिकनिक स्पाट को सहेजने में विफल रहा है। पर्यटन के दायरे में आने वाला क्षेत्र पशुओं के लिए 'चारगाह' और चरवाहों के लिए आरामगाह बन कर रह गया है। हर साल कांजली आने वाले प्रवासी पक्षियों ने भी इससे मुख मोड़ लिया है।

पंजाब के तत्कालीन डीजीपी केपीएस गिल ने 16 जुलाई 1994 को कांजली में पर्यटकों के लिए बोट क्लब गठित किया था। 24 मार्च 1995 को तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर सतीश चंद्रा ने कांजली की एक्सटेंशन, इंप्रूवमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन का नींवपत्थर रखा गया। पूर्व डीसी ऊषा आर शर्मा ने चार दिसंबर 1998 को कांजली की खूबसूरत को बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट का नींवपत्थर रखा। नौ अक्तूबर 2006 को पूर्व टूरिज्म व पशु पालन मंत्री जगमोहन सिंह कंग ने कांजली वेटलैंड टूरिस्ट कांप्लेक्स का नींवपत्थर रखा। सभी नींवपत्थर अपने स्थान पर कायम है लेकिन योजना सिरे नही लग सकी है।

सरकार व जिला प्रशासन की ओर से कांजली वेटलैंड व पिकनिक स्पाट पर चिल्ड्रेन पार्क बनाने, बच्चों के लिए छोटी रेलगाड़ी चलाने, होटल बनाने, डिजनी लैंड की तरह झूले, शिकारे व आधुनिक किश्तियों को जल में उतारने के अलावा पानी से बिजली पैदा करने के सपने तक दिखाए गए। इनमें से एक भी हकीकत नही बन सका। इन तमाम योजनाओं पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए गए लेकिन कांजली वेटलैंड की सुंदरता बहाल नहीं हो सकी।

पिकनिक स्पाट दफ्तर बंद, होटल के लिए बनी इमारत गिरने के कगार पर

वर्तमान में कांजली में होटल के लिए बनी सिर्फ एक इमारत खड़ी है। इमारत शुरू होने से पूर्व ही गिरने की कगार पर पहुंच गई है। लाखों रुपये खर्च कर पक्षियों के लिए बनाए गए आधुनिक घोसले दशकों से वीरान पड़े हैं। पिकनिक स्पाट के दफ्तर को बंद हुए ही ढ़ाई दशक बीत गए है। अब तो दफ्तर की आधी छत भी गिर चुकी है। कांजली में हर तरफ गंदगी का आलम है। कांजली को विकसित करने के मद्देनजर कांजली डेवलपमेंट सोसायटी का गठन हुआ था लेकिन सोसायटी भी कांजली को विकसित नहीं कर पाई।

कांजली को पर्यटन स्थल बनाया जाएगा : डीसी

डिप्टी कमिश्नर दीप्ति उप्पल का कहना है कि कांजली वेटलैंड व पिकनिक स्पाट के साथ- साथ सरकार कपूरथला की तमाम ऐतिहासक इमारतों को भी टेक ओवर कर रही है। कपूरथला को पयर्टन हब के तौर पर विकसित किया जाएगा।

योजना तैयार, पिकनिक स्पाट बनेगी कांजली : राणा गुरजीत

विधायक राणा गुरजीत सिंह का कहना है कि कांजली को फिर से पिकनिक स्पाट के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए योजना तैयार है। ग्रांट भी आ चुकी है। निक्की बेई को संवारने का काम शुरू कर दिया गया है। कितने फंड की जरुरत है उसका खाका तैयार हो रहा है।

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