ईश्वर से जुड़ने का मार्ग है आध्यात्म : सर्वेश्वरानंद
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान शाखा कपूरथला आश्रम में रविवार को सत्संग करवाया गया।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान शाखा कपूरथला आश्रम में रविवार को सत्संग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु वंदना से हुआ। आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी डा. सर्वेश्वरानंद जी ने कहा प्रवचन करते हुए कहा कि आज वातावरण में सच्चाई का स्थान अवैधता, उद्दंडता और अराजकता ने ले लिया है। ईमानदारी नैतिकता का पालन करने वाले लोगों को कुटिल और धोखेबाजों के साथ निर्वाह करना पड़ रहा है। ऐसे में दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है और यह तभी हो सकता है जब हम जीवन में आध्यात्मिकता को आत्मसात कर लेते हैं।
आध्यात्म हमारी नकारात्मकता को दूर करने में मदद करती है। हमारे अशांत मन को शांति मिलती है। हम ईश्वर से जुड़ते हैं। यह परम शक्ति हमें वरदानों से भर देती है। हमें अनुभव होता है कि हम परमब्रह्म के अंश है। इस वास्तविकता को स्वीकार करने पर संसार के साथ व्यवहार करना आसान हो जाता है।
जीवन में आध्यात्मिकता का सूत्रपात करने का उत्तम तरीका है ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना। सच्ची साधना यानी गुरु की ओर से दिया गया ज्ञान और उनके द्वारा बताई गई साधना की विधि द्वारा हमारे विचार संशोधित होते हैं। हमें शुद्ध बहुमूल्य दिलासा मिलता है क्योंकि ब्रह्मांड अखंडित है। इस अध्यात्म के द्वारा ब्रह्मांड के रहस्य को अंत:करण में उदघाटित किया जाता है। आत्मा की इस अध्ययन का आधार तो सदैव पूर्ण ब्रह्मज्ञानी गुरु ही रहे हैं क्योंकि गुरु स्वयं ईश्वर का अवतार ऐसी सत्ता होते हैं, जिन्हें भूत, भविष्य एवं वर्तमान ²ष्टा माना जाता है। जब सरल भाव से प्रार्थना करके उनकी शरणागति होते हैं तो जीवन निर्मल, आनंदमय और शांत हो जाता है। सत्संग के दौरान सुनील एवं नरेश ने सुंदर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।