आइसीयू में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का इंतजार, मरीज बेहाल
सिविल अस्पताल में मरीजों को आइसीयू का लाभ नहीं मिल रहा है।
नरेश कद, कपूरथला
गंभीर मरीजों की जान बचाने के मकसद से कपूरथला सिविल अस्पताल में 68 लाख की लागत से आइसीयू की इमारत का निर्माण करवाया गया है। आइसीयू में अत्याधुनिक मशीनें व अन्य साजो समान मुहैया करवाया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिविल अस्पताल के आइसीयू का पिछले साल 12 नवंबर को उद्घाटन भी कर चुके हैं लेकिन आज तक लोगों को आइसीयू की सुविधा नसीब नही हो सकी है। आइसीयू को चलाने के लिए सब कुछ मौजूद है लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर व स्टाफ ही नही है। इसके चलते सिविल अस्पताल का आइसीयू खुद ही वेंटीलेटर पर पड़ा है।
आइसीयू और वेटींलेटर चलाने के लिए चार डॉक्टर, तीन स्टाफ नर्स तथा दो हेल्पर की जरूरत है। सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने से वेंटीलेटर और आइसीयू बंद पड़ा है। यदि अस्पताल में गंभीर मरीज उपचार के लिए आते हैं तो प्राथमिक उपचार के बाद उसे रेफर कर दिया जाता है।
श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर 12 नवंबर 2019 को इस आइसीयू का उद्घाटन किया गया था। इलाका निवासियों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें दशकों से निजी अस्पतालों के महंगे इलाज से राहत मिलेगी। उद्घाटन के कई माह बाद भी आइसीयू व वेंटीलेटर की सुविधा ना मिलने से लोग काफी हैरान हैं।
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही ईमरजेंसी वार्ड आइसीयू में शिफ्ट किया जा सकता है ताकि मरीजों को लगे कि उन्हें आइसीयू व वेंटीलेटर की सुविधा मिल सकती है। आइसीयू और वेंटीलेटर चलाने के लिए अनुभवी डाक्टर की जरूरत है। अस्पताल में तैनात डॉक्टरों को आइसीयू और वेंटीलेटर को चलाने के बारे में जानकारी नहीं है।
एसएमओ डॉ. तारा सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार व सेहत विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। जल्द ही शहर वासियों को वेंटीलेटर व आइसीयू की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। इमरजेंसी वार्ड को आइसीयू में तब्दील करने के बारे में उन्होंने कहा कि अभी इमरजेंसी वार्ड को आइसीयू में शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है।