सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी, मरीज परेशान

कपूरथला के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दवाइयां नहीं मिल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 09:21 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी, मरीज परेशान
सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी, मरीज परेशान

नरेश कद, कपूरथला

जिले के सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को मुफ्त दवाइयों की सुविधा नही मिल रही है। डाक्टरों की ओर से लिखी गई दवा अस्पताल के फार्मेसी में नहीं मिलती जिसके चलते मरीजों को निजी मेडिकल शाप से महंगे मूल्य पर दवा खरीदनी पड़ती है। प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए योजनाएं बनाती है लेकिन योजनाओं को अमलीजामा जामा नही पहनाया जाता। पिछले कुछ वर्षों के दौरान कपूरथला सिविल अस्पताल में मरीजों को अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस के लिए डेंगू व अन्य बीमारियों के टेस्ट की सुविधाएं न्यूनतम शुल्क जमा करवाने पर मिल रही हैं। सिविल अस्पताल में डाक्टरों की ओर से लिखी गई दवाइयां अस्पताल के फार्मेसी में नहीं मिलती है। अस्पताल के डाक्टर ओपीडी की पर्ची महंगी दवा लिखते हैं जो कि निजी मेडिकल शाप में ही उपलब्ध रहता है। मरीज निजी मेडिकल शाप से दवा खरीदने के लिए मजबूर हैं। अगर दवाइयों के साल्ट की बात की जाए तो समान साल्ट की दवा या तो सिविल अस्पताल के फार्मेसी में या फिर सरकार की ओर से खोले गए जन औषधि केंद्र में उपलब्ध रहता है। मरीज के ओपीडी स्लिप पर डाक्टर की ओर से लिखी गई दवा केवल निजी मेडिकल शाप में ही मिलती है।

अस्पताल में उपचार करवाने आई बखशों ने बताया कि डाक्टर ने चेकअप के बाद उसे जो दवा लिखी वह अस्पताल के फार्मेसी में नहीं मिली। उसे अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल शाप से महंगे मूल्य पर दवा खरीदनी पड़ी।

अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाक्टरों और स्टाफ नर्स की कमी

बताते चलें कि कपूरथला सिविल अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाक्टरों और स्टाफ नर्स की भी कमी है। स्पेशलिस्ट डाक्टरों के अभाव में मरीजों को उपचार के लिए परेशानी झेलनी पड़ती है। अगर अस्पताल में गंभीर मरीज उपचार के लिए आता है तो उसे प्राथमिक उपचार के बाद दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।

अस्पताल में दवाइयों का स्टाक उपलब्ध : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. परमिदर कौर का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से भेजी गई दवाइयां सिविल अस्पताल में उपलब्ध है। कई बार दवाइयों का स्टाक नहीं होने के कारण डाक्टर मरीजों को मेडिकल स्टोर में उपलब्ध दवाइयां लिखकर देते हैं ताकि मरीज को उपचार में कमी न आए। डाक्टरों को अस्पताल के फार्मेसी में उपलब्ध दवा लिखने के आदेश दिए गए हैं।

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