आरसीएफ ने मेडिकल कालेज व अस्पताल अमृतसर को भिजवाई 1210 किलो आक्सीजन

कोरोना महामारी के बढ़ते संकट के बीच देश में आक्सीजन की मांग में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। कई अस्पतालों से आक्सीजन की कमी सामने आई है जिससे कोरोना पीड़ित कई मरीजों की जान खतरे में है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 01:06 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 01:06 AM (IST)
आरसीएफ ने मेडिकल कालेज व अस्पताल अमृतसर को भिजवाई 1210 किलो आक्सीजन
आरसीएफ ने मेडिकल कालेज व अस्पताल अमृतसर को भिजवाई 1210 किलो आक्सीजन

जागरण संवाददाता, कपूरथला: कोरोना महामारी के बढ़ते संकट के बीच देश में आक्सीजन की मांग में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। कई अस्पतालों से आक्सीजन की कमी सामने आई है, जिससे कोरोना पीड़ित कई मरीजों की जान खतरे में है। इस मुश्किल घड़ी में रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए आगे आई है। आक्सीजन की बढ़ती मांग की आपूर्ति के मद्देनजर आरसीएफ ने अपने आक्सीजन प्लांट से 1210 किलोग्राम तरल आक्सीजन गुरु नानक मेडिकल कालेज और अस्पताल अमृतसर को सप्लाई की है।

इसे एक गैस उत्पादन फर्म के माध्यम से मेडिकल आक्सीजन के तौर पर अमृतसर स्थित अस्पताल को भेजा गया है। इस तरल आक्सीजन की सप्लाई से आरसीएफ के कोच उत्पादन में कुछ असर तो जरूर पड़ेगा लेकिन कोरोना मरीजों के लिए इस इमरजेंसी जरूरत से निपटने के लिए यह सप्लाई मददगार साबित होगी। आरसीएफ में तीन किलोलीटर का तरल आक्सीजन स्टोरेज टैंक लगा हुआ है जिसका उपयोग कोचों के निर्माण में होता है और इसे अर्गोमिक्स बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील के कंपोनेंट्स के निर्माण में प्रयोग किया जाता है।

जीएम गुप्ता का कहना है कि इस आक्सीजन से कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद के तौर पर अमृतसर को भेजा गया है क्योकि विभिन्न जिलों के ज्यादातर गंभीर हालत वाले मरीजों को इसी अस्पताल में रेफर किया जाता है। रेल मंत्री के आदेश पर आक्सीजन की किल्लत को किया जा रहा दूर

रेडिका जीएम रवींद्र गुप्ता ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर कोरोना संकट के बीच आक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए भारतीय रेल ने कई कदम उठाए हैं। रेल ने लिक्विड मेडिकल आक्सीजन और आक्सीजन सिलेंडरों को ले जाने के लिए आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है। इन खास ट्रेनों की आवाजाही में देरी न हो इसके लिए रेलवे ने ग्रीन कारिडोर बनाने का फैसला भी किया है। इससे आक्सीजन की सप्लाई तेजी से हो सकेगी।

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