अध्यापकों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रही सरकार : उमेश शारदा
संवाद सहयोगी, कपूरथला : कैप्टन अम¨रदर ¨सह सरकार तानाशाह सरकार बन गई है। पंजाब के
संवाद सहयोगी, कपूरथला : कैप्टन अम¨रदर ¨सह सरकार तानाशाह सरकार बन गई है। पंजाब के 8886 एसएसए, रमसा व आदर्श स्कूल के अध्यापक को मिल रही 42 हजार की प्रति माह सैलरी को 15 हजार करना, तानाशाही रवैये अपनाने का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह बात साफ होती है कि पंजाब सरकार का रवैया अध्यापकों के प्रति सही नहीं है। यह बात भाजपा के प्रदेश सचिव उमेश शारदा ने अपने निवास स्थान पर पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जो यह अध्यापक 42 हजार रुपये प्रति माह सैलरी लेते थे, उसमें से 60 प्रतिशत केंद्र सरकार राज्य सरकार को प्रति माह भेजता था और पंजाब सरकार अपना 40 प्रतिशत का हिस्सा डालकर अध्यापकों को वेतन देती थी, लेकिन विडंबना यह है कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे पैसे भी सरकार अध्यापकों को नहीं दे रही और तानाशाह फरमान जारी कर अध्यापकों का वेतन 15 हजार कर दिया।
उमेश शारदा ने कहा कि इससे यह बात साफ होती है कि पंजाब सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। पंजाब सरकार चुनावों के समय जनता से वादे तो बहुत करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद सारे वादे भूल जाती है और लोगों पर बोझ डाल देती है। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदेश में एसएसए, रमसा और आदर्श स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापकों को पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिल रहा। जिससे अध्यापकों को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है, जबकि केंद्र सरकार अपने हिस्से का 60 प्रतिशत हिस्सा प्रति माह पंजाब सरकार को भेज रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के अध्यापक पिछले डेढ़ माह से अपनी जायज मांगों के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह के गृह क्षेत्र पटियाला में भूख हड़ताल पर बैठे है, लेकिन अभी तक किसी भी सरकार के मंत्री ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया। उल्टा अध्यापकों पर कथित तौर पर अपने तानाशाह रवैये से फरमान जारी किया । उसके बावजूद भी अध्यापक अपने आंदोलन पर डटे हुए है। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यापकों के साथ तन मन के साथ खड़ी है अगर जल्द ही सरकार ने अध्यापकों की मांगों पर गौर नहीं किया तो भाजपा सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी आवाज उठाने का हक है और इस पर ही अध्यापक कार्य कर रहे है। अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों को जो अध्ययन करवाया जाता है उससे ही वह पढ़ लिखकर उच्च पदों पर कार्यरत होते है और देश का भविष्य ही अध्यापक बनाते है। लेकिन पंजाब की कैप्टन सरकार अपने आपको अध्यापकों से बड़ा समझती है जबकि पंजाब सरकार में जितने भी मंत्री है उनको भी अध्यापकों ने पढ़ाया है और तब जाकर वह मंत्री बने है।