छात्रों का डाटा अपलोड करने में पीटीयू देश भर में थर्ड

छात्रा का डाटा अपलोड करने में आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी को देश भर में तीसरा स्थान मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:23 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:23 PM (IST)
छात्रों का डाटा अपलोड करने में पीटीयू देश भर में थर्ड
छात्रों का डाटा अपलोड करने में पीटीयू देश भर में थर्ड

जागरण संवाददाता, कपूरथला : आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी को डिजिलाकर नेशनल एकेडमिक डिपाजिटरी (एनएडी-नैड) पोर्टल पर विद्यार्थियों का आनलाइन डाटा दर्ज करवाने में देश के शीर्ष प्रदर्शन करने वालों की सूची में तीसरा स्थान मिला है।

नैड विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा छात्रों के अकादमिक रिकार्ड को डिजिटाइज करने के लिए विकसित की गई एक प्रणाली है। डिजिलाकर एनएडी-नैड वेबसाइट के पिछले महीने के रिकार्ड के अनुसार, पीटीयू ने अपने छात्रों की डिग्री एवं विस्तृत मार्क कार्ड सहित 8.5 लाख से अधिक दस्तावेज पहले ही अपलोड कर दिए हैं। विश्वविद्यालय ने पंजाब के सभी शिक्षण संस्थानों के बीच इस प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभाई है।

पीटीयू के प्रवक्ता अनुसार वे 2008 के बाद के डाटा को अपलोड पहले चरण में कर रहे हैं तथा उनका लक्ष्य आगामी एक महीने में 15 लाख से अधिक डिग्री को अपलोड करने का है। युनिवर्सिटी रजिस्ट्रार आइएएस अधिकारी जसप्रीत सिंह का कहना है कि एक राज्य तकनीकी विश्वविद्यालय होने के नाते सरकारी नीतियों एवं परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तवज्जो देना उनकी प्राथमिकता है। पीटीयू रजिस्ट्रार जसप्रीत सिंह ने छात्रों के सभी शैक्षणिक संबंधित डेटा आनलाइन प्रदान करने में अग्रणी होने पर गर्व महसूस करते हुए सबंधित टीम को बधाई दी है।

यूनिवर्सिटी में दस्तावेज अपलोड करने के लिए नेड सेल का गठन

छात्रों के दस्तावेजों को अपलोड करने के कार्य के लिए यूनिवर्सिटी में एक समर्पित नैड सेल गठित किया गया है। यह सेल परीक्षा विभाग के समन्वय से काम करता है। कुलपति रमेश कुमार गंता एवं रजिस्ट्रार जसप्रीत सिंह की देखरेख में टीम स्तर पर परीक्षा नियंत्रक (सीओई) से मिलकर आंकड़ों का सत्यापन कराकर हस्ताक्षरयुक्त डाटा अपलोड करता है। यूनिवर्सिटी में नैड नोडल अधिकारी के तौर पर डिप्टी रजिस्ट्रार ऋषि गुप्ता इस काम को मानिटर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे कहीं भी बैठे आनलाइन मोड के माध्यम से छात्रों के रिकार्ड को फारेन वेरिफिकेशन एजेंसी जांच सकेगी।

छात्रों को मूल प्रमाण पत्र लेकर जाने की जरूरत नहीं

छात्रों को अब किसी भी स्थान पर अपने मूल प्रमाण पत्र ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वह डिजिलाकर पर उपलब्ध डाक्यूमेंट कहीं भी चेक कर व करवा सकेंगे। नौकरी के उद्देश्य से भी ये दस्तावेज अब केवल एक माउस के क्लिक पर प्राप्त हुआ करेंगे। नोडल अधिकारी ने बताया कि इससे पढाई से जुड़े दस्तावेजों की जालसाजी भी नहीं होगी। साथ ही आइटी अधिनियम 2000 के अनुसार अब डिजीटल दस्तावे•ा सभी उद्देश्यों के लिए मान्य हैं तथा इसका पूर्ण लाभ स्टूडेंट्स को मिलेगा।

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