सरकार पर फूटा कर्मचारियों का गुस्सा
देश की सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आरसीएफ के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की कर्मचारी व देश विरोधी नीतियों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में हिस्सा लेते हुए डॉ. आंबेडकर चौक पर प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, कपूरथला : देश की सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आरसीएफ के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की कर्मचारी व देश विरोधी नीतियों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में हिस्सा लेते हुए डॉ. आंबेडकर चौक पर प्रदर्शन किया। आरसीएफ के कर्मचारियों ने कोयला उद्योग, डिफेंस (असला फैक्ट्रियों), एलआइसी, बीपीसीएल, बीएसएनल, एयर इंडिया आदि के निजीकरण के खिलाफ चल रहे संघर्ष का समर्थन किया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सर्वजीत सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की लोग विरोधी नीतियों के खिलाफ आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिबेक देबराय कमेटी की सिफारिशों पर आगे बढ़ते हुए पिछले वर्ष 18 जून को जारी 100 दिवसीय कार्य योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है। यह सीधा-सीधा भारतीय रेलवे का निजीकरण है। उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना, इंग्लैंड, जापान जैसे बहुत सारे देशों में रेलवे के निजीकरण का तजुर्बा फेल होने के बावजूद मोदी सरकार रेलवे की उत्पादन इकाइयों को निगमीकरण के नाम पर बड़े-बड़े पूंजीपतियों के सुपुर्द करने के लिए आमादा है जिसके खिलाफ संघर्ष किया जाएगा।
दर्शन लाल व जीत सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना संकट को अवसर समझ देश के कर्मचारियों, मजदूरों व किसानों को गुमराह कर रही है। उन्होंने आरसीएफ कर्मियों को संघर्ष के तैयार रहने की अपील की। जयपाल फौगाट ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है। आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी जल्द ही संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेगी। उन्होंने सभी कर्मचारियों को संघर्ष में भाग लेने की अपील की। मौके पर जीत सिंह, रंजीत सिंह, राजवीर शर्मा, हरिदत्त, परमजीत सिंह खालसा, वेद प्रकाश, उमाशंकर, सुखबीर सिंह, एमके भटनागर, आरसी मीना, आदि शामिल थे।