धान की रोपाई शुरू, लेबर रेट कम रहने की संभावना

मानव की तरफ से कुदरत के साथ की जा रही छेड़छाड़ के चलते धरती निचले पानी का स्तर गिरता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 02:04 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 02:04 AM (IST)
धान की रोपाई शुरू, लेबर रेट कम रहने की संभावना
धान की रोपाई शुरू, लेबर रेट कम रहने की संभावना

संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी

मानव की तरफ से कुदरत के साथ की जा रही छेड़छाड़ के चलते धरती निचले पानी का स्तर गिरता जा रहा है। इसके चलते ही सरकार की तरफ से पानी की बचत के लिए कई तरह के उपाय किये जा रहे हैं। इस कड़ी के तौर पर और ज्यादा पानी की उपभोग पर आधारित धान की लगवाई भी कुछ सालों से सरकारी समय निर्धारित करने लगी है। चाहे कि सुल्तानपुर लोधी हलके समेत कई ओर क्षेत्रों में कुछेक किसान की तरफ से सरकार की इन हिदायतें को नजर अंदा•ा करते हुए अपने खेतों में धान की फसल को लगाया गया है परंतु पंजाब में 10 जून भाव आज से धान की रोपाई शुरू हो चुकी है।

इस को देखते हुए पंजाब सरकार की तरफ से किसानों के लिए आठ घंटे बिजली की सप्लाई भी वीरवार से ही शुरू हो चुकी है। कोरोना वायरस कारण महानगरों में कारोबार की मंदी के चलते इस साल बड़ी संख्या में मजदूर पंजाब पहुंच रहे हैं। इस तरह मजदूरों की बहुतायत के चलते धान की रोपाई का रेट पिछले साल के मुकाबले कम रहने की संभावना है। पिछले साल किए गए तजुर्बों के मुताबिक इस साल भी बहुत से किसानों ने धान की सीधी बिजाई को प्राथमिकता दी है। इसलिए भी लेबर की कमी पैदा होने की संभावना नहीं लगती।

बातचीत के दौरान कपूरथला जिले के किसान अजमेर सिंह ने बताया कि उस के पास धान की ़फसल लगाने के लिए तीन चार पार्टिया पहुंच रही हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल रेट भी का़फी कम मांगा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल 3500 के आस-पास लगवाई का रेट रहने की संभावना है।

जालंधर जिले के किसान सुरजीत सिंह ने बताया कि कुछ म•ादूरों के साथ बातचीत की तो उन्होंने धान की लगवाई का रेट तीन ह•ार प्रति एकड़ के आस-पास रहेगा।

पंजाब के अंदर हर साल 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के आस -पास धान की लगवाई होती है, जिस में से करीब 25 से 26 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में परमल की किस्मों की काश्त होती है, जबकि पांच से छह लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल बासमती नीचे रहता है। इस साल किसानों का रुझान परमल की नयी किस्मों की तरफ है, जबकि बासमती की काश्त को किसान ज्यादा प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।

थोड़ी लेट हो सकती धान की रोपाई

पंजाब सरकार की तरफ से शुरू में धान की लगवाई के लिए कोई निश्चित तारी़ख न दिए जाने के कारण किसानों ने इस बार पनीरी की में ढील इस्तेमाल की है। किसानों ने बताया कि ज्यादातर किसानों की तरफ से बीजी गई पनीरी रोपाई के लिए तैयार नहीं हुई। किसानों ने बताया कि पछेती पनीरी होने के कारण इस बार धान की रोपाई भी थोड़ी पिछेती हो सकती है। हलके में 34 ह•ार हेक्टेयर होती है धान की रोपाई

ब्लाक कृषि अ़फसर डाक्टर जसबीर सिंह खिडा व , डाक्टर जसपाल सिंह ने बताया कि हलके में 34 ह•ार एकड़ के करीब धान की रोपाई होती है जिस में 1800 एकड़ के करीब सीधी धान की बिजवाई हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस में 2500 से 3000 करीब बासमती की बिजवाई होती है। उन्होंने बताया हलके में पी आर 121 किस्म धान की बिजवाई 40 प्रतिशत के करीब होती है। जो 135 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है, जो विभाग की प्रामाणिकता और विश्वास का प्रतीक है।

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