सिद्धू से दूरी विधायकों को पड़ सकती है भारी

कपूरथला के चारो विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:13 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:13 PM (IST)
सिद्धू से दूरी विधायकों को पड़ सकती है भारी
सिद्धू से दूरी विधायकों को पड़ सकती है भारी

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : लंबी माथा पच्ची के बाद कांग्रेस हाईकमान की ओर से किक्रेटर से सियासतदान बने नवजोज सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने के बावजूद विरासती जिले के विधायकों की तरफ से दूरी बनाए रखना भारी पड़ सकती है। राज्य के विभिन्न जिले के करीब 62 विधायक सिद्धू के साथ जा चुके हैं लेकिन जिले के चारों विधायक अभी तक मुख्य मंत्री कैप्टन कैप्टन अमरिंदर के साथ डटे हुए हैं जिसकी वजह से आने वाले समय में विरासती जिले की कांग्रेस में कुछ नए चेहरे भी शामिल हो सकते हैं।

कुछ माह पूर्व तीन विधायकों के साथ कैप्टन की अगुआई में कांग्रेस का दामन थामने वाले भुलत्थ के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा तो 10 एमएलए के सपोर्ट का कैप्टन अमरिदर सिंह को पत्र भी लिखे चुके हैं। पहले खैहरा को सिद्धू के करीबियों में माना जाता था लेकिन सिद्धू व कैप्टन के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई दौरान खैहरा की तरफ से सिद्धू को दरकिनार कर कैप्टन की अगुआई में कांग्रेस शामिल होने से दोनों में पहले ही दूरियां बढ़ गई थी। अब खैहरा ने दोबारा कैप्टन के समर्थन में पत्र सौंप कर अपनी वफादारी जाहिर कर दी है। उधर, राणा गुरजीत सिंह एवं सुखपाल सिंह खैहरा के बीच काफी पुराने समय से छत्तीस का आंकड़ा चलता आ रहा है। हालाकि खैहरा के आरोपों के चलते राणा को मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद राणा की मंत्री मंडल में वापसी नही हो सकी लेकिन इसके बावजूद राणा कैप्टन के पक्ष में खड़े है।

सिद्धू को लेकर जिले का कोई भी विधायक अभी कुछ भी कहने को तैयार नही है। ना ही कोई विधायक सिद्धू की जिले में आमद के दौरान स्वागत के लिए पहुंचा है। इस बारे में अभी तक ना तो राणा कुछ बोले है और ना ही नवतेज सिंह चीमा ने कुछ कहा है।

सिद्धू की तापजोशी से असमंजस में चारो विधायक

पंजाब कांग्रेस के प्रधान के तौर पर सिद्धू की ताजपोशी से चारों विधायक असमंजस में है। पुराने मधुर संबंधों के चलते विधायक कैप्टन के खिलाफ जाने से कतरा रहे हैं तथा सिद्धू के समर्थन में खुल कर जाने से बच रहे हैं। सिद्धू के स्वागत में भी जिले से कोई कांग्रेस विधायक नही पहुंचे। हालांकि कुछ कांग्रेस वर्कर बुधवार को अमृतसर जरूर पहुंच गए। अब देखना होगा कि इन विधायकों का आगे क्या रुख रहता है। ऐसे हालातों की वजह से जिले में कुछ नए कांग्रेस चेहरों का भी उदय हो सकता है जिनकी राजनीति विधायकों के के कारण उभर नही सकी थी। हालाकि कांग्रेस के कई ओहदेदार सिद्धू के पक्ष में माने जा रहे हैं लेकिन अपने विधायकों के नाराज होने के डर से वह भी सिद्धू के पक्ष में जाने से डर रहे हैं।

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