रावण दहन से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश
विरासती शहर में शुक्रवार को विजयदशमी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।
जागरण टीम, कपूरथला : विरासती शहर में शुक्रवार को विजयदशमी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। कपूरथला स्थित देवी तालाब में शुक्रवार को श्री प्रताप धर्म प्रचारिणी सभा रामलीला दशहरा कमेटी की ओर से रामलीला मंचन के उपरांत शाम को लंकापति रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह पहुंचे तथा शहरवासियों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि नशा रुपी रावण का अंत करने पर ही प्रदेश के भविष्य को बचाया जा सकता है। लोगों को प्रभु श्रीराम के जीवन से शिक्षा लेकर देश और समाज की सेवा के लिए संकल्प लेना चाहिए। देवी तालाब में कार्यक्रम का शुभारंभ उद्योगपति नामदेव अरोड़ा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिअद के जिला प्रधान दविदर सिंह ढपई ने की। नगर निगम की मेयर कुलवंत कौर विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित हुई।
मस्जिद चौक में मनाया दशहरा पर्व
उधर, श्री रामलीला धर्म कमेटी की ओर से मस्जिद चौक में दशहरा मेले का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह व उनकी पत्नी पूर्व विधायक राजबंस कौर राणा ने किया। रामलीला मंचन के बाद रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया। सभा अध्यक्ष शाम सुंदर मल्हण व चेयरमैन रजिदर कौड़ा ने राणा गुरजीत सिंह, राजबंस कौर राणा व अन्य को सम्मानित किया।
भगवान श्रीराम के बताए मार्ग चलें : राणा गुरजीत सिंह
श्री रामलीला दशहरा कमेटी शेखूपुर की ओर से मेले का आयोजन किया गया। मेले में मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि श्रीराम जी का जीवन प्रेरणादायक है। हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए और दशहरा पर्व पर हर व्यक्ति बुराई छोड़ने का दिल से संकल्प लें। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का दहन करने के बाद आतिशबाजी की गई। प्रबंधक जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन अनूप कल्हण, नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर राहुल कुमार एवं पार्षद नरिदर सिंह मंसू ने कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को सम्मानित किया। मौके पर नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन बोबी भसीन, ब्लाक प्रधान दीपक सलवान, मनोज हैप्पी, आम आदमी नेता मंजू राणा, आर्किटेक्ट परविदर सिंह, सतीश कुमार, राजेश सूरी, ज्योति धीर, पवन कालिया, विनोद कालिया, कृष्ण लाल सराफ, देश बंधु, अनिल शुकला, बलजिदर सिंह, अश्वनी सूद, दविदर कालिया, अशोक बब्ल, तरलोचन सिंह धिजण, मंगल सिंह सेखों व अन्य मौजूद थे।