दिन भर पुलिस छावनी में रहा तब्दील रहा मैणवा, प्रशासन ने प्राइमरी स्कूल समेत छह इमारतों पर चलाया डिच

संवाद सहयोगी, कपूरथला : माल विभाग और जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स बल के साथ वीरवार को गांव मैणवा में पांच लोगों के घर और एक सरकारी स्कूल की इमारत जेसीबी से तहस नहस कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 02:22 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 02:22 AM (IST)
दिन भर पुलिस छावनी में रहा तब्दील रहा मैणवा, प्रशासन ने प्राइमरी स्कूल समेत छह इमारतों पर चलाया डिच
दिन भर पुलिस छावनी में रहा तब्दील रहा मैणवा, प्रशासन ने प्राइमरी स्कूल समेत छह इमारतों पर चलाया डिच

संवाद सहयोगी, कपूरथला : माल विभाग और जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स बल के साथ वीरवार को गांव मैणवा में पांच लोगों के घर और एक सरकारी स्कूल की इमारत जेसीबी से तहस नहस कर दी। लोग प्रशासन से हाथ जोड़ कर मिन्नतें करते रहे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने लोगों की एक भी फरियाद नही सुनी। इस वजह से गांव मैणवा में दिन भर बेहद तनाव पूर्ण माहौल रहा, लेकिन प्रशासन ने पुलिस बल की मदद से वीरवार शाम 7 बजे के करीब गांव मैणवा में 5 आशियानों और एक प्राइमरी सरकारी स्कूल को जेसीबी मशीन से गिरा दिया। इन घरों के लोग छोटे-छोटे बच्चे बिलखते रहे और प्रशासन के अधिकारियों ने किसी की एक नही सुनी और लगभग परिवार के 30 मेंबरों के घरों को उजाड़ दिया। उधर, गांव के लोग दबी जुबान में कह रहे थे कि यह सब राजनीतिक दवाब में किया गया है। यदि इस में राजनीतिक में रसूख रखने वाला इस मामले को रोक सकता था।

गांव मैणवां में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब ब्लाक विकास और पंचायत अधिकारी तथा पंचायत सेक्रटरी पंचायती जगह पर काबिज हुए लोगों के घर गिराने के लिए पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। पंचायत अधिकारी का कहना है कि गांव के कुछ लोग पंचायत की जगह पर काबिज हैं और डीडीपीओ की अदालत में चल रहे केस में हार चुके हैं। जिसके बाद ही पंचायती जगह की मिनती व गिनती तहसीलदार तथा गांव के लोगों के सामने करवा कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया

दूसरी तरफ पंचायती जमीन पर काबिज हुए लोगों का कहना है कि पूरा मामला राजनीतिक से प्रेरित है। वे पिछले 50 सालों से इस जगह पर काबिज हैं तथा उनके पक्के घर बने हुए। उनका मामला गांव में रहने वाले एक व्यक्ति के साथ चल रहा था जिसने पंचायत की जगह को अपने खेतों के साथ जोड़ लिया था।

वीरवार की सुबह लगभग ग्यारह बजे के करीब कपूरथला बीडीपीओ अमरजीत ¨सह, डीडीपीओ इकबालजीत ¨सह, तहसीलदार मनवीर ¨सह ढिल्लो अपने कर्मचारियों तथा भारी पुलिस फोर्स को लेकर गांव मैणवां में पहुंचे। माल विभाग की ओर से तीन कानूगों चार पटवारियों ने मिलकर बीडीपीओ व तहसीलदार के आदेशों पर साढ़े ग्यारह से लेकर शाम 5 बजे तक जमीन की निशानदेही की। इस मौके पर पूरा गांव मौजूद था।

विवादों के घेर में थी मेरी जमीन : ं म¨हदरकौर

मौके पर म¨हदर कौर पत्नी लेट बल¨वदर ¨सह ने बताया कि उनका जमीनी विवाद गांव के लख¨वदर ¨सह तथा उसके भाई के साथ अदालत में चल रहा था तथा उनके घरों के साथ पंचायत की फिरनी (गली) लगती है जोकि लख¨वदर ¨सह ने गली को अपनी जमीन के साथ मिला लिया था। जिसके बाद से गली तंग हो गई। इस बात की शिकायत उन्होंने उच्चाधिकारियों से भी की थी। लेकिन मामले को राजनीति से जोड़ दिया गया है। जिसके चलते वीरवार को बीडीपीओ पुलिस फोर्स को लेकर उनके घरों को गिराने के लिए आ पहुंचे। इस सबंध में ब्लाक अधिकारी व पंचायत अधिकारी अमरजीत ¨सह का कहना है कि उक्त दोनों पक्षों का मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। जहां अदालत में मामलें को एक्स पार्टी कर दिया था। जिसके बाद एक पक्ष द्वारा मामला डीडीपीओं के समक्ष पेश कर दिया था। जमीन के पूरे कागजात देखकर पटवारी को निशानदेही करने के आदेश दिए गए।निशानदेही के बाद उक्त लोगों के घर पंचायती जगह में पाए गए।जो शाम 7 बजे के करीब 5 घर व एक प्राइमरी स्कूल को जेसीबी मशीन द्वारा गिरा दिया गया

बिना छत को रहने को हुए मजबूर

बलबीर सिह बीरा ऊर्फ बबू, मास्टर जीत ¨सह, मनजीत कौर, गुरबखश ¨सह का कहना है कि 5 घरों को राजनीतिक दवाब के चलते बेघर कर दिया गया। घरों में रहने वाले लोग पुलिस व प्रशासन के साथ बहसबाजी करते रहे और कई घर वालों ने उनकी मिन्न्तें भी की । और निजी कोर्ट के फैसले पर 5 घरों के लगभग 30 मेंबरों को सड़कों बीच खडा कर दिया। यह फैसला देखते हुए एक महिला ने बताया कि लगभग 40 वर्ष पूर्व अपना यहा पर रहन बसेरा बनाया गया था। औॅर प्रशासन द्वारा उनकों बिना नोटिस दिए उनका रहन बसेरा तार तार कर दिया। जिससे वह बेसहारा बिना छत को रहने को मजबूर हो गए।

कोट्स

30 दिन के नोटिस के बाद भी इन परिवार वालों ने न तो जगह खाली की न ही इन्होनें कोई स्टे लिया न ही इन्होंने कोई अपील की।जिस कारण मजबूरन इनके घरों को गिराना पडा।

मनवीर ¨सह ढिल्लो , तहसीलदार

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