प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए किया जागरूक

पुष्पा गुजराल साइंस सिटी में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिवस पर वेबिनार करवाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:01 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:01 PM (IST)
प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए किया जागरूक
प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए किया जागरूक

जागरण संवाददाता, कपूरथला

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिवस के मौके पर बुधवार को पुष्पा गुजराल साइंस सिटी में वेबिनार करवाया गया। वेबिनार में अलग-अलग स्कूलों से 100 विद्यार्थियों व अध्यापकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान विकासशील देशों के आपदा खतरों और नुकसान को कम करने की राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग थीम पर चर्चा हुई ।

वेबिनार में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथारिटी नई दिल्ली के संयुक्त सचिव कुनाल सत्यार्थी मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्तित हुए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और मानव की ओर से पैदा की गई आपदा हजारों लोगों को प्रभावित करती है। यह मानसिक व शरीरिक स्तर पर लोगों को नुकसान पहुंचाती है। भूकंप, तूफान व बाढ़ प्राकृतिक आपदा है। इसमें जंगलों की आग, सूखा, भूस्खलन, और बादलों के फटने जैसी घटना भी शामिल है।

दूसरे तरफ मानव की ओर से पैदा की आपदा में आग, औद्योगिक हादसे, गोलीबारी, आतंकवाद और सार्वजनिक हिसा की घटनाएं शामिल है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहयोग के लिए विकासशील देशों को अधिकारिक तौर पर सहायता और साम‌र्थ्य में वृद्धि करना बहुत जरुरी है। क्योंकि इसके साथ ही कुदरती और मानव द्वारा पैदा की जा रही आपदों का सामना किया जा सकता है। आपदा को रोकने के लिए विशेष लैक्चर, सेमिनार और बच्चों व नौजवानों के लिए ट्रेनिग प्रोग्राम करवाना जरूरी है।

वेबिनार में शामिल बच्चों व अध्यापको का स्वागत करते साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा. नीलिमा जेरथ ने कहा कि हर वर्ष 13 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 1989 में की गई थी। उन्होंने कहा कि समाज में गरीब, भूखमरी और आपदा के खतरों को कम करने के लिए इस ओर राष्ट्रीय स्तर पर निवेश बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा ऐसे हालात में सरकार की ओर से मुहैया सुविधाओं को यकीनी बनाने के साथ-साथ आपदा के कारणों बारे में जागरुकता पैदा की जानी चाहिए ताकि नुकसान से बचाव हो सके।

साइंस सिटी के डायरेक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने बच्चों का आभार व्यक्त करते कहा कि जंगलों और झीलों की संभाल के साथ सूखे जैसी आपदा के खतरों को कम करके लोगों को इनसे निपटने के समर्थ बनाया जा सकता है।

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