कुलवंत कौर के सिर सजा निगम के पहले मेयर का ताज
नगर निगम कपूरथला के पहले मेयर का चयन कर लिया गया है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला
नगर निगम कपूरथला के पहले मेयर का ताज वार्ड तीन से दूसरी बार पार्षद चुनी गई कुलवंत कौर के सिर पर सजा है। विधायक राणा गुरजीत सिंह की अगुआई में शुक्रवार को शालामार बाग स्थित निगम दफ्तर में सर्वसम्मति से हुए चुनाव में सीनियर पार्षद नरिदर मनसू के बेटे और सबसे युवा पार्षद 25 वर्षीय राहुल कुमार मनसू को सीनियर डिप्टी मेयर तथा शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त मास्टर विनोद सूद को डिप्टी मेयर चुना गया है। विधायक राणा गुरजीत सिंह ने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर और सभी पार्षदों से बिना किसी भेदभाव के विरासती शहर का विकास करवाने की अपील की तथा शुभकामनाएं दी। इससे पहले चुने गए सभी पार्षदों को शपथ दिलाई गई।
विधायक राणा गुरजीत सिंह की तरफ से वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए दूसरी बार पार्षद चुनी गई कुलवंत कौर को मेयर के अहम पद पर आसीन करवाने के लिए सुबह से एकता भवन में तमाम पार्षदों की राय ली गई। एकता भवन स्थित अपने दफ्तर में विधायक ने पार्षदों की राय जानी और तमाम सियासी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कुलवंत कौर को मेयर एवं राहुल को सीनियर डिप्टी और सूद को डिप्टी मेयर बनाने का मन बनाया जिसका खुलासा निगम की बैठक के दौरान किया गया। दोपहर साढ़े तीन बजे के निर्धारित समय से करीब आधा घंटा देरी से हुई बैठक के दौरान सीनियर कांग्रेस पार्षद ठाकुर दास की ओर से कुलवंत कौर का मेयर के लिए नाम तजवीज किया गया जिसपर सभी पार्षदों ने सहमती जताई। इसके बाद राहुल कुमार मनसू का डिप्टी मेयर के लिए नाम सामने आया और मास्टर विनोद सूद के डिप्टी मेयर के नाम पर तालियों द्वारा मोहर लगा दी गई। लगातार तीन बार पार्षद चुने गए स्वर्गीय बख्सीस सिंह लब्बा की पत्नी कुलवंत कौर को सबसे पहले राणा गुरजीत सिंह की ओर से बधाई दी गई। इसके बाद सभी पार्षदों ने मालाएं पहना कर मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का स्वागत किया गया तथा उनका मूंह मीठा करवाया गया।
चुनाव के दौरान जालंधर डिवीजन की कमिश्नर गुरप्रीत कौर सपरा रहीं मौजूद
नगर निगम के मेयर का चुनाव जालंधर डिवीजन की कमिशनर गुरप्रीत कौर सपरा की देख रेख में संपन्न हुआ। कांग्रेस के 45, तीन अकाली दल व दो अजाद पार्षदों को शपथ ग्रहण करवाने के बाद चुनाव प्रक्रिया करवाई गई। हालाकि राणा गुरजीत सिंह के कुलवंत कौर को मेयर बनाने के फैसले से सभी हैरान थे लेकिन इस फैसले से राणा ने राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। वह तमाम कांग्रेस पार्षदों, वर्करों और कांग्रेस नेताओं को साधने में ही सफल नहीं हुए है बलकि वह विरोधी दलों में भी कुलवंत कौर और उनके स्वर्गीय पति बखशीस सिंह लब्बा के अच्छे रसूख का लाभ मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।