कोविड का दौर डाक्टरों के लिए चुनौतिपूर्ण : सिविल सर्जन
कोविड महामारी के दौर में डाक्टरों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना समूह मानवता की भलाई के लिए दिन रात मेहनत की और अभी भी कर रहे है।
संवाद सहयोगी, कपूरथला :
कोविड महामारी के दौर में डाक्टरों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना समूह मानवता की भलाई के लिए दिन रात मेहनत की और अभी भी कर रहे है।
यह बात सिविल सर्जन डा. परमिंदर कौर ने राष्ट्रीय डाक्टर्स डे के संबंध में कहे। उन्होंने कहा कि इस कठिन दौर में कई डाक्टरों ने अपनी अनमोल जिदगियों को खो दिया। सिविल सर्जन डा. परमिन्द्र कौर ने कहा कि कोविड का दौर डाक्टरों के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा है, परंतु वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे। उन्होंने डाक्टरों की सराहना करते कहा कि डाक्टर समाज का एक अभिन्न अंग है। इस मौके कोविड दौरान अपनी जान गवा चुके डाक्टरों को श्रद्धाजंलि भी दी गई। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रोफेशन है जो अपने मरीज को नया जीवन प्रदान करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि डाक्टर ही है जो मानव जीवन के दर्द व पीड़ा को समझता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में डाक्टर फ्रंट पर इस महामारी से समूह मानवता को बचाने में जुटे हुए हैं और इस दौर में डाक्टर मरीज के लिए किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है।
इस दौरान उन्होंने जिले के सभी मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ की भी सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डा. अनू शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. कुलजीत सिंह, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. सारिका दुग्गल, जिला टीकाकरण अधिकारी डा. रणदीप सिंह, सीनियर मेडिकल अधिकारी डा. संदीप धवन, डा. संदीप भोला, डा. रवजीत सिंह, डा. सिम्मी धवन, डा. कलमजीत कौर, डा. हरप्रीत मोमी, डा. गुरदेव भट्टी, डा. मोहनप्रीत सिंह, डा. अमनजोत कौर, डा. अमनदीप सिंह, डा. सुखविदर कौर, सुपरिंटेंडेंट राम अवतार, बलजिदर कौर, रविदर जस्सल आदि उपस्थित थे।