निजीकरण के खिलाफ जन जागरण अभियान शुरू
आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन की ओर से रेलवे के निजीकरण के खिलाफ जन जागरण अभियान शुरू किया गया
जागरण संवाददाता, कपूरथला : आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन की ओरसे इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना एवं रेलवे के निजीकरण की साजिशों के विरोध में जन जागरण अभियान की शुरुआत की है। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में जन जागरण अभियान की शुरुआत रेलवे के 1968 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ गई। इस मौके पर अध्यक्ष परमजीत सिंह खालसा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के जन संघर्षों में रेलवे का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह हमें भविष्य के संघर्षों के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा यह जन जागरण प्रोग्राम 28 सितंबर शहीद भगत सिंह के जन्म दिन तक चलेगा। उन्होंने कहा के राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना रेलवे के निजीकरण की तरफ एक और बड़ा कदम है जिसका यूनियन पूरी तरह से विरोध करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेलवेज समेत देश के सार्वजनिक क्षेत्र को चंद कारपोरेट घरानों को सौंपना चाहती है जिसकी इजाजत आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन व इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन कभी नहीं देंगी।
उन्होंने कहा केंद्र सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। देश के 13 विभागों की बेशकीमती संपत्तियों को लुटाने की साजिश को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन कहकर उसका उद्घाटन करने का नाटक किया जा रहा है। इसको समझने के लिए आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन द्वारा 22 सितंबर को वर्कर क्लब आरसीएफ में सेमिनार करवाया जा रहा है जिसको देश के जाने-माने प्रोफेसर डा. सुखपाल सिंह, प्रिसिपल अर्थशास्त्र व सामाजिक शास्त्र विभाग, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना विशेष रूप में संबोधित करेंगे।
उन्होंने आरसीएफ के समूह कर्मचारियों तथा आरसीएफ के सभी संगठनों को इसमें शामिल होने की अपील की। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना रेलवे व देश के मौजूदा हालातों पर यूनियन की तरफ से एक पंफ्लेट वर्कशाप गेट पर कर्मचारियों को बांटा गया। अपने संबोधन में अमरीक सिंह, प्रेस सचिव ने कहा कि रेल कर्मचारियों को संघर्ष का आह्वान करता यह पेपर पूरी भारतीय रेलवे में बांटा जा रहा है। उन्होंने कर्मचारियों विशेष रूप में युवा कर्मचारियों को यूनियन की तरफ से किए जा रहे जागरूकता अभियान के सभी प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की।
प्रोग्राम में मुख्य रूप में साथी मनजीत सिंह बाजवा, तरलोचन सिंह, अमरीक सिंह गिल, जसपाल सिंह सेखों, एसपी सिंह, दिलबाग सिंह, गुरजिदर सिंह, गुरचरण सिंह, बाबा अजैब सिंह, विनोद कुमार राजवीर सिंह, अरविद कुमार, धर्मपाल पैंथर, चंद्रभान, परमजीत सिंह, कर्म सिंह, तरसेम सिंह गोगी, सुरेंद्र कुमार आदि विशेष रूप में हाजिर थे शामिल थे