नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की परवाह किए बिना खोद दिया छप्पड़

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की परवाह किए बगैर पवित्र काली वेई के किनारे तलवंडी पुल के नजदीक गांव अदालत चक्क के छप्पड़ को रेता के स्तर तक खोद दिया गया है। जबकि नियम के अनुसार किसी भी छप्पड़ को नौ फीट से ज्यादा गहरा नहीं खोदा जा सकता।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 01:27 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 01:27 AM (IST)
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की परवाह किए बिना खोद दिया छप्पड़
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की परवाह किए बिना खोद दिया छप्पड़

जागरण संवाददाता, सुल्तानपुर लोधी : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की परवाह किए बगैर पवित्र काली वेई के किनारे तलवंडी पुल के नजदीक गांव अदालत चक्क के छप्पड़ को रेता के स्तर तक खोद दिया गया है। जबकि नियम के अनुसार किसी भी छप्पड़ को नौ फीट से ज्यादा गहरा नहीं खोदा जा सकता।

गांव में न सिर्फ छप्पड़ को लगभग 16-17 फीट गहरा खोद दिया गया है, बल्कि इसे रेता के लेवल तक गहरा कर दिया गया है। इससे धरती का निचला पानी दूषित होने लगेगा। इस गलती के कारण जब गंदा पानी छप्पड़ में आ जाएगा तो इसके साथ धरती का निचले पानी की गुणवत्ता खराब होगी। साथ ही गांव की मोटरों का पानी भी दूषित होने लगेगा। इस संबंधी में जब बीडीपीओ सुल्तानपुर लोधी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामले के बारे में कुछ भी पता नहीं है।

उधर, गांव अदालत चक्क के पंचायत सचिव निर्मल सिंह ने कहा कि उनकी हड़ताल चल रही है। छप्पड़ की खोदाई संबंधी उनकी तरफ से किसी तरह का प्रस्ताव नहीं लिखा गया। यहां सवाल उठता है कि आखिरकार पंचायत द्वारा बिना प्रस्ताव के कोई कार्य कैसे शुरू किया जा सकता है। क्या एनजीटी, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व माइनिग विभाग का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इस संबंधी सिटीजन वेलफेयर फोरम ने एनजीटी व पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों से मांग की है कि इस मामले की जांच करवाई जाए ताकि छप्पड़ में छोड़े जाने वाले गंदे पानी के कारण धरती के निचले पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। इस कार्य की गांव की पूरी आबादी प्रभावित होगी।

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