आर्डिनेंस फैक्ट्री का निगमीकरण देश हित में नहीं

केंद्र सरकार की ओर से देश की 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निगमीकरण का फैसला किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:16 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:16 PM (IST)
आर्डिनेंस फैक्ट्री का निगमीकरण देश हित में नहीं
आर्डिनेंस फैक्ट्री का निगमीकरण देश हित में नहीं

संवाद सहयोगी, कपूरथला : केंद्र सरकार की ओर से देश की 41 आर्डिनेंस (गोला बारूद) फैक्ट्रियों को आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को तोड़कर सात निगमों में तब्दील करने के फैसले का इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन विरोध करती है। यह बात सर्वजीत सिंह महासचिव इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन व आरसीएफ इंप्लाइज यूनियन ने कही। उन्होंने कहा कि निगमीकरण देश हित में नहीं है। निजीकरण, उदारीकरण, वैश्वीकरण के 30 वर्षों के इतिहास ने विकास के उन सब दावों व वादों की पोल खोल कर रख दी है जो समय की हकूमत ने देश के लोगों के साथ किए थे। ना देश में रोजगार के अवसर बढ़ा, ना गरीबी कम हुई, ना भ्रष्टाचार कम हुआ, ना महंगाई कम हुई। सर्वजीत सिंह ने कहा 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रियां साधारण गोला बारूद से लेकर मिसाइलें, तोप, राकेट लान्चर, बख्तरबंद गाड़ियां का उत्पादन कर देश की सुरक्षा में अहम योगदान दे रही हैं। कोरोना संकट के दौरान वेंटीलेटर, पीपीई किट बनाकर देश के लोगों को कोरोना महामारी से भी बचाने का कार्य भी किया है। आर्डिनेंस फैक्ट्रीयों का निजीकरण देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि रक्षा मामलों की स्थायी संसदीय कमेटी ने भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीयों को निगमों में बांटने का पुरजोर विरोध किया है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीयों के कर्मचारी, सभी यूनियन व सभी फैडरेशन मिलकर संघर्ष के मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन आडिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों के संघर्ष का पुरजोर समर्थन करता है। उन्होंने देश भर के कर्मचारियों व लोगों को एकजुट होकर आडिर्नेस कंपनी के निगमीकरण का समर्थन करने की अपील की।

chat bot
आपका साथी