डायरिया के मरीजों का हो मुफ्त इलाज, मृतकों के परिवार को मिले मुआवजा

अकली-बसपा का प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम फगवाड़ा के कमिश्नर से मुलाकात की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 07:54 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:54 PM (IST)
डायरिया के मरीजों का हो मुफ्त इलाज, मृतकों के परिवार को मिले मुआवजा
डायरिया के मरीजों का हो मुफ्त इलाज, मृतकों के परिवार को मिले मुआवजा

संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : शहर के शाम नगर, पीपारंगी व शिवपुरी क्षेत्रों में दूषित पानी की सप्लाई होने से लोग डायरिया के चपेट में आ रहे हैं। सोमवार को शिअद व बसपा का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल पूर्व डिप्टी मेयर रणजीत सिंह खुराना व बसपा नेता मास्टर हरभजन सिंह बलालों की अगुवाई में नगर निगम कमीश्नर चरणजीत सिंह से मिला। प्रतिनिधिमंडल में सर्बजीत कौर, प्रितपाल सिंह मंगा, लेख राज, पवन सेठी, गुरमुख सिंह चाना, झिरमल सिंह भिडर , इंद्रजीत सिंह, चिरजी लाल काला,मनोहर लाल जखू, कुलविदर सिंह किदा, रवि सिद्दू आदि शामिल थे। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई तो शिअद-बसपा प्रदर्शन करेगा उन्होंने कमिश्नर के ध्यान में लाया कि फगवाड़ा में दूषित पानी की सप्लाई के कारण बीमार हुए लोगो को मिलने वाली सेहत सुविधा न के बराबर है। डायरिया से लोगो की मौत के आंकड़ें में गड़बड़ी की जा रही है। प्रशासन मुताबिक दो लोगों की मौत हुई है जबकि जबकि हकीकत में सात लोगों की मौत हुई है। खुराना व बलालो ने कहा कि इतने दिनों के बाद भी प्रशासन की ओर से पीने वाले साफ पानी की सुविधा के लिए उचित प्रबंध नही किया है व न ही गंदे पानी की सप्लाई को रोकने के लिए कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा शाम नगर, पीपारंगी तथा शिवपुरी में 90 फीसदी के करीब एससी व बीसी आबादी है। कांग्रेस सरकार एससी, बीसी वर्ग के हितैषी होने का दावा कर रही है लेकिन असल में सच्चाई इससे कोसों परे है। इस ताजा व प्रत्यक्ष प्रमाण है फगवाड़ा के यह इलाके है। जहां लोगो गंदा पानी पी कर अपनी जाने गंवा रहे है। संयुक्त तौर पर प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि जाने गंवाने वाले लोगो को योग्य मुआवजा दिया जाए व जिन मरीजों को रेफर किया जा रहा है उनका इलाज सरकारी खर्च पर किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम कमिश्नर चरणजीत सिंह को चेतावनी दी कि अगर एक दो दिन में पानी की सप्लाई में सुधार न हुआ तो इसके खिलाफ संघर्ष के लिए मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।

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