चार जगह पटरी पर डटे रहे किसान, यात्री हुए परेशान

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में किसानों ने रेल पटरी पर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:19 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 10:19 PM (IST)
चार जगह पटरी पर डटे रहे किसान, यात्री हुए परेशान
चार जगह पटरी पर डटे रहे किसान, यात्री हुए परेशान

जागरण संवाददाता, कपूरथला : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को जिले की विभिन्न किसान जत्थेबंदियों की तरफ से जिले में ट्रेनों को रोककर केंद्र व यूपी सरकार खिलाफ प्रदर्शन किया गया। अलग-अलग जत्थेबंदियों के किसान सुबह 10 से शाम चार बजे तक कपूरथला, आरसीएफ, डडविडी व सुल्तानपुर लोधी में जालंधर फिरोजपुर रेल ट्रैक पर डटे रहे ।

उधर, जिले में गुजरने वाली अमृतसर दिल्ली रेलवे लाइनों पर ढिलवां व हमीरा में भी किसानों की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया। किसानों के इस प्रदर्शन के कारण जम्मू अहमदाबाद अप व डाउन दोनों गाड़ियां रद रही। किसानों लखीमपुरी में हुई घटना को लेकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे तथा गिरफ्तारी की मांग की।

किसान नेता हरप्रीत सिंह मिट्ठा ने कहा कि किसान इंसाफ की लड़ाई लड रहे है। कृषि कानून रद होने से ही किसान बच सकेगा। उधर जिले में सोमवार को किसान संगठनों की ओर से कपूरथला रेलवे स्टेशन व रेल कोच फैक्टरी के गेट नंबर 2 पर हाल्ट पर प्रदर्शन किया तथा छह घंटे तक रेल रोको आंदोलन जारी रखा।

किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले 11 महीनों से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही है। लखीमपुर में हुई घटना के साजिशकर्ता गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा व गिरफ्तार तक नही किया गया है। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि केंद्र सरकार की नीतियां किसान विरोधी है।

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को छह घंटे तक करना पड़ा इंतजार

किसानों के प्रदर्शन को लेकर यात्रियों को परेशानियों से जूझना पड़ा। कपूरथला से अहमदाबाद व जम्मू जाने वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर छह घंटे से भी अधिक समय स्टेशन पर गुजरना पड़ा। क्योंकि इस रुट पर जाने वाली अप व डाउन ट्रेन अहमदाबाद-जम्मू तवी फिरोजपुर में ही खड़ी रही तो दूसरी आने वाली गाड़ी पठानकोट स्टेशन पर खड़ी रही। किसानों ने सुबह 10 बजे से लेकर शाम चार बजे तक पैसेजर ट्रेनों की आवाजाही नही होने दी जिसके चलते हुए रेल यात्रियों को अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए छह घंटे रेलवे स्टेशनों पर रेलगाड़ी का इंतजार करना पड़ा। हालांकि सुबह के समय रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय पर चली थी लेकिन किसानों का रेल रोको आंदोलन शुरू होते ही रेल गाड़ियों की रफ्तार थम गई। शाम चार बजे के बाद ही रेलगाड़ियों की आवाजाही बहाल हो सकी। इस दौरान लोकल पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों ने बसों में सफर किया। शाम चार बजे किसानों का धरना खत्म होने के बाद भी रेलगाड़िया समय पर नही चल सकी। जिसके चलते हुए यात्री समय पर अपने घरों को नही पहुंच पाए तथा उनको सफर में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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