मछलियां बचाने के लिए संत सीचेवाल आए आगे, बेई में मोटरों से डाल रहे साफ पानी

प्रदूषित पानी के कारण पवित्र काली बेई में मर रही मछलियों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल और उनके सेवादारों ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 01:05 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 01:05 AM (IST)
मछलियां बचाने के लिए संत सीचेवाल आए आगे, बेई में मोटरों से डाल रहे साफ पानी
मछलियां बचाने के लिए संत सीचेवाल आए आगे, बेई में मोटरों से डाल रहे साफ पानी

संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : प्रदूषित पानी के कारण पवित्र काली बेई में मर रही मछलियों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल और उनके सेवादारों ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। बेई के साथ लगतीं मोटरों को चला कर बेई में साफ पानी डाला जा रहा है जिससे पानी में आक्सीजन की मात्रा अधिक हो सके। बेई में गंदे पानी की मात्रा इस कदर बढ़ गई है कि पानी में आक्सीजन घटने के कारण मछलियों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। जिस कारण मछलियां दम तोड़ रही हैं। मछली पालन के माहिरों से राय लेकर संत सीचेवाल ने होशियारपुर से विशेष जांच टीम को बुलाया था। इस टीम के माहिर सदस्य अरविंदर सिंह ने बेई के पानी की जांच के बाद बताया कि पानी में पीएच की मात्रा सिर्फ पांच प्रतिशत रह गई है जोकि सात प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। पानी में अमोनिया का स्तर भी बढ़ा हुआ है। मछलियों को बचाने के लिए यत्न किए जा रहे हैं। बेई में चूना, आक्सीजन वाली गोलियां, मोटरों से पानी डालना और बेई में पानी की हलचल बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि बेई में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण मछलियां मर रही हैं। उन्होंने कहा कि जलचर जीवन वातावरण के संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है। पहले सतलुज दरिया को दूषित कर उसमें से अनेकों प्रकार के जलचर जीवों की प्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं। पवित्र बेई पंजाब और देश के लिए एक माडल के तौर स्थापित हुई थी। परंतु प्रशासनिक लापरवाही से संगत की अथक मेहनत को मिट्टी में मिलाना चाहती है जिसको संगत कभी भी बर्दाशत नहीं करेगी। क्योंकि यह धार्मिक आस्था का केंद्र है। यह गुरबाणी का आगमन स्थान है। उन्होंने कहा कि पानी के कुदरती स्त्रोतों को बचाने के लिए पंजाब सरकार बड़े स्तर पर नीति बनाए। डिप्टी कमिश्नर दीप्ति उप्पल ने संत सीचेवाल को बेई में पानी के बारे में पूछा था। संत सीचेवाल ने बताया कि बेई में तुरंत 250 क्यूसिक पानी न छोड़ा गया तो स्थिति ओर भी बिगड़ जाएगी।

chat bot
आपका साथी