डा. बहल का नाम विश्व के टाप दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल
पीटीयू के सहायक प्रोफेसर डा. शशि बहल दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हुए।
जागरण संवाददाता, कपूरथला : आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डा. शशि बहल का नाम दुनिया के टाप दो फीसद विज्ञानियों वाली सूची में शामिल हुआ है। डा. बहल वर्तमान में यूनिवर्सिटी के होशियारपुर कैंपस के मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में कार्यरत हैं। यह सम्मान डा. बहल को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए की ओर से संकलित वैश्विक सूची में दिया गया है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए की ओर से यह सूची वर्ष 2020 के लिए तैयार की गई है। दुनिया के शीर्ष दो फीसद वैज्ञानिकों की दूसरी सूची में डॉ. बहल को शामिल किया गया है। यह सूची स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आनलाइन भी उपलब्ध कराई गई है। जान यूनुस के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा इसे तैयार किया गया है।
इस सूची में भारत के कुल 3352 शोधकर्ताओं के नाम को शामिल किया गया है! इस संबंध में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा दो अलग-अलग सूचियां जारी की गई हैं। पहली सूची करियर के लंबे आंकड़ों पर आधारित थी। जबकि दूसरी विभिन्न शोध एवं खोज में भागीदारी पर आधारित रही। डा. शशि बहल को वर्ष 2020 के लिए दूसरी सूची में शामिल किया गया है। यूनिवर्सिटी की ओर सेअपने पोर्टल पर एक लाख से अधिक शीर्ष वैज्ञानिकों का एक डेटाबेस सार्वजनिक भी किया गया है, जिसमें लेखकों के पदों एवं संयुक्त प्रकाशन को भी शामिल किया गया है। यह सूची भविष्य के शोधकर्ताओं को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा। इतने सारे विज्ञानियों को 22 वैज्ञानिक क्षेत्रों एवं 176 उप-क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है।
विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर की इस उपलब्धि पर कुलपति वरिष्ठ आइएएस अधिकारी रमेश कुमार गन्ता ने विश्वविद्यालय के अन्य फैकल्टी सदस्यों को भी ऐसे विश्व स्तरीय अवसरों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि फैकल्टी मेंबर्स अपने छात्रों के लिए भी विश्व स्तर के अवसर ढूंढे एवं अपने-अपने विषयों के बेहतर शोध पर काम करें ताकि यूनिवर्सिटी का नाम रोशन हो।
यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार (आइएएस) जसप्रीत सिंह ने कहा कि आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के लिए यह बड़े गर्व की बात है। उन्होंने डा बहल के विभिन्न क्षेत्रों में किये गए विभिन्न अकादमिक कार्यों की भी सराहना की है।