एमजीएन एजूकेशन ट्रस्ट के चुनाव पर कोर्ट ने लगाई रोक

एमजीएन एजूकेशन ट्रस्ट में विवाद चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 10:15 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 10:15 PM (IST)
एमजीएन एजूकेशन ट्रस्ट के चुनाव पर कोर्ट ने लगाई रोक
एमजीएन एजूकेशन ट्रस्ट के चुनाव पर कोर्ट ने लगाई रोक

जागरण संवाददाता, कपूरथला : एमजीएन एजूकेशन ट्रस्ट में चल रहे विवाद की वजह से सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत ने मई में ट्रस्ट के होने वाले चुनाव पर स्टे देते हुए रोक लगा दी है। अदालत के इस फैसले को एमजीएन की पुरानी मैनेजमेंट की अगुवाई कर रहे जरनैल सिंह पसरीचा की बड़ी जीत माना जा रहा है। मैनेजमेंट के विवाद की वजह से ही पिछले दो साल से अधिकारिक तौर पर ट्रस्ट का कोरोड़ों रुपये का बजट भी पास नही हो सका और आडिट भी पेंडिंग है।

इस समय एमजीएन ट्रस्ट पर काबिज चरनजीत सिंह राय की कार्यप्रणाली को लेकर ट्रस्ट की पुरानी मैनेजमेंट के महासचिव जरनैल सिंह पसरीचा की तरफ से सिविल जज जूनियर डिवीजन के जज हरमीत कौर पुरी की अदालत में चुनौती दी थी। पसरीचा का कहना था कि इस समय ट्रस्ट पर काबिज चरनजीत सिंह राय द्वारा मिटगुमरी गुरु नानक एजूकेशन ट्रस्ट को हाईजेक करने के उद्देश्य से ट्रस्ट के संविधानिक नियमों का उल्लघन करते हुए इसके लाइफ ट्रस्टी को ट्रस्ट से बाहर निकालना शुरू कर दिया, जिसने ट्रस्ट में विवाद की बुनियाद रख दी। इसी के चलते पिछले दो साल से ट्रस्ट का अधिकारिक तौर पर बजट पास नही हो सका और ना ही आडिट हुआ। पसरीचा का तर्क है कि ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्थाएं सरकारी सहायता प्राप्त वर्ग में आती है। इस वजह से सरकारी नियमों मुताबिक राय की कारवाई को सरासर गलत है। इस करोड़ों के बजट में सरकारी और सार्वजनिक वितरण रकम आती है, जिसके पास होने के बाद ही ट्रस्ट के पास उसे खर्च करने का अधिकार होता है।

उधर सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार 2018 में ट्रस्ट के मौजूदा चेयरमैन चरनजीत सिंह राय ने ट्रस्ट के संविधानिक नियमों का उल्लंघन करते हुए सचिव एसएस बैंस के अपने ओहदे से इस्तीफा देने के बाद बिना चुनाव करवाए मु्िख्तयार सिंह को ट्रस्ट का सचिव नियुक्त कर दिया जबकि बिना चुनाव ऐसा करना ट्रस्ट के संविधान के खिलाफ था। इसके बाद दिसंबर 2018 में चरनजीत राय ने लाइफ ट्रस्टी रमणीक सिंह को भी ट्रस्ट से अलग कर दिया जबकि उस समय रमणीक सिंह ने कानून का सहारा लिया, जिसे हाईकोर्ट ने इंसाफ दिलाते हुए राय के दो फैसले पर स्टे लगा दिया था। इसके बाद सितंबर में कोरोना महामारी का बहाना बना कर राय ने लाइफ ट्रस्टी एसएस बैंस को भी ट्रस्ट में से निकाल दिया। चरनजीत राय के साथ जगजीत सिंह आनंद और मुख्तियार सिंह समेत तीन लाइफ ट्रस्टी थे जबकि दूसरी तरफ जरनैल सिंह पसरीचा, रमनीक सिंह, गुरिदर सिंह नरुला और एडवोकेट एचएस बैंस समेत चार ट्रस्टी रहे। इसके उपरांत चरनजीत राय ने पुन सत्ता में आने के लिए भगवंत सिंह संघा को लाइफ ट्रस्टी नियुक्त कर दिया जबकि ऐसा करना गैर कानूनी था। ट्रस्ट के चेयरमैन के पास किसी ट्रस्टी को लाइफ मेंबर नियुक्त करने और ना ही किसी को निकालने का अधिकार है।

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