दिन भर छाए रहे बादल, बूंदाबांदी ने कराया ठंड का अहसास
शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों से बदले मौसम के मिजाज ने ठंड बढ़ा दी है।
महेश कुमार, कपूरथला
शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों से बदले मौसम के मिजाज ने ठंड बढ़ा दी है। सूर्यदेव भी बादलों में अलोप हैं। शनिवार करीब 11 बजे शहर में हल्की बूंदाबादी हुई जिसने लोगों को ठंड का एहसास कराया। सारा दिन आसमान में बादल छाए रहे। रात के समय ठंड और बढ़ गई है। ठंडी हवाएं चलने से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। शनिवार को कपूरथला का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
उधर, डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बदले मौसम में बीमारियों का हमला हो सकता है। बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य दिनों से कम हो जाती है। इसलिए बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों को भी सावधान रहने की जरूरत है। सिविल अस्पताल में बच्चों के माहिर डाक्टर बीएस बैंस ने बताया कि मौसम का मिजाज बदलने का असर सभी पर होता है। छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सर्दी, जुकाम और गले में इंफेक्शन के अलावा छोटे बच्चों को परेशानियां सबसे ज्यादा होती हैं। वहीं एलर्जी और अस्थमा का असर इस मौसम में बढ़ जाता है। बच्चों को सांस संबंधी परेशानी भी होती है। बंद नाक और गले में जकड़न के साथ नाक और आंख से पानी भी गिरता रहता है। तेज हवा और प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। हल्की ठंड को नजर अंदाज न करें और बच्चे को हमेशा मोजे पहनाकर रखें। अगर मालिश करते हैं तो गर्म तेल का प्रयोग करें।
सिविल अस्ताल के डॉक्टर राजीव पराशर (एमएस सर्जरी) ने बताया कि अस्पताल में खांसी और जुकाम के केसों में लगातार बढ़ोतरी होने लगी है। मौसम बदलने के साथ ही इंफेक्शन बढ़ रहा है जिस कारण खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए तो सबसे अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है अस्थमा के मरीज को अपनी दवा हमेशा अपने पास रखनी चाहिए। सर्दी जुकाम होने से तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।