चन्नी के मंत्रीमंडल में चीमा बन सकते हैं वजीर

पंजाब में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद मंत्रीमंडल को लेकर जद्दोजहद शुरू हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:54 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:54 PM (IST)
चन्नी के मंत्रीमंडल में चीमा बन सकते हैं वजीर
चन्नी के मंत्रीमंडल में चीमा बन सकते हैं वजीर

हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला : पंजाब में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद मंत्रीमंडल को लेकर जद्दोजहद भी शुरू हो गई है। चरनजीत सिंह चन्नी सरकार में युवाओं को तरजीह मिलने की संभावना जताई जा रही है, जिसके चलते सुल्तानपुर लोधी के विधायक नवतेज सिंह चीमा के वजीर बनने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि राणा गुरजीत सिंह व सुखपाल सिंह खैहरा इस दौड़ से फिलहाल बाहर माने जा रहे है लेकिन कांग्रेस के सूत्रों अनुसार चीमा के नए मंत्रीमंडल में शामिल होने की काफी संभावना जताई जा रही है।

भुलत्थ के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने पूर्व मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह की प्रेरणा से दो अन्य विधायकों साथ कांग्रेस ज्वाइन की थी। कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एवं कैप्टन अमरिदर सिंह के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई के मद्देनजर खैहरा को कैप्टन के पक्ष में उतरने की वजह से सियासी नुकसान झेलना पड़ा है। खैहरा मंत्री के दौड़ से लगभग बाहर ही समझे जा रहे हैं। उधर, कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह भी कैप्टन गुट के समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं। 550वें प्रकाशोत्सव पर चन्नी मुख्य प्रबंधक थे और उस दौरान भी राणा ने मंत्री पद जाने की वजह से नाराजगी के चलते चन्नी व सरकार से दूरी बनाकर रखी थी। इस वजह से राणा गुरजीत सिंह को चन्नी सरकार में जगह मिलनी काफी मुश्किल माना जा रहा है।

फगवाड़ा के विधायक बलविदर सिंह धालीवाल पहली बार विधायक बने हैं। उनके मंत्री बनने की भी संभावना जताई जा रही है लेकिन पहली बार विधायक चुना जाना उनके मंत्री बनने में रुकावट हो सकता है। उधर सुल्तानपुर लोधी के विधायक नवतेज सिंह चीमा लगातार दूसरी बार विधायक चुने जा चुके हैं और लोकसभा चुनावों में भी वह कांग्रेस को पहली बार अपने हलके सुल्तानपुर लोधी से कांग्रेस उम्मीदवार को 20 हजार वोटों की लीड दिलाने में कामयाब रहे थे। चीमा को सुल्तानपुर लोधी में 550वें प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन का सेहरा भी जाता है।

चीमा की तरफ से मुख्य आयोजक व मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की अगुआई में शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा। इस समागम में देश के पीएम से लेकर राष्ट्रपति, विभिन्न राज्यों के मुख्य मंत्री, अलग-अलग राज्यों के मंत्रियों के अलावा देश विदेश से करीब 85 लाख संगत नानक की नगरी में नतमस्तक होने के लिए पहुंची थी। संगत के लिए तमाम प्रबंध बेहद शानदार रहे थे। आयोजन में चन्नी व चीमा के एक साथ कार्य करने से पैदा हुई नजदीकियों के चलते चीमा के मंत्रीमंडल में शामिल होने की संभावनाएं काफी प्रबल हो गई है। विधायक नवजेत सिंह चीमा का कहना है कि मंत्रीमंडल में शामिल होना या ना होने के बारे में फैसला कांग्रेस हाईकमान के हाथ में है। वह अगर उन्हें इस योग्य समझेंगे तो वह अपनी सेवाएं निभाने की कोशिश करेंगे।

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