सूर्य को किया नमन, अ‌र्घ्य देकर मांगी मनोकामनाएं

हरनेक ¨सह जैनपुरी, कपूरथला : आरसीएफ और कांजली में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मंगलवार को केलवा जे फरेला धवद से..ओह पर सुगा मेड़राय.। कांच ही बांस के बहंगिया, बहंजी लचकत जाए.। सेबिले चरण तोहर हे छठी मइया, हमहूं अरघिया देबै हे छठी मैया. आदि लोकगीत गाते हुए अस्ताचलगामी भघवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य अर्पित किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 02:22 AM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 02:22 AM (IST)
सूर्य को किया नमन, अ‌र्घ्य देकर मांगी मनोकामनाएं
सूर्य को किया नमन, अ‌र्घ्य देकर मांगी मनोकामनाएं

हरनेक ¨सह जैनपुरी, कपूरथला : आरसीएफ और कांजली में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मंगलवार को केलवा जे फरेला धवद से..ओह पर सुगा मेड़राय.। कांच ही बांस के बहंगिया, बहंजी लचकत जाए.। सेबिले चरण तोहर हे छठी मइया, हमहूं अरघिया देबै हे छठी मैया. आदि लोकगीत गाते हुए अस्ताचलगामी भघवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य अर्पित किया। श्रद्धालु अपने अपने घरों से माथे पर पूजा के सामान रखकर आरसीएफ और कांजली पहुंचे। कई श्रद्धालु देर शाम तक घाट तक आए।

छठ पूजा पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को सांझा अ‌र्घ्य के मौके कांजली बेई पर भक्तों का भारी सैलाब उमड़ा। महिलाओं ने डूबते सूर्य की पूजा अर्चना की और उन्हें नमस्कार कर परिवार की सुख-शांति हेतु मंगल कामना मांगी।

बिहारी परिवार की महिलाओं ने बच्चों की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए छठ पूजा कर भगवान सूर्य नारायण को अ‌र्घ्य दिया। छठ पूजा के मौके पर महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत धारण कर, पानी में खड़े होकर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और फलों से छठ मईया की पूजा की। कांजली बेई पर मनाई गई छठ पूजा के दौरान कैबिनेट मंत्री के पीए बलजीत ¨सह बाजवा, कांग्रेस मजदूर सैल के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ¨पकी अपने साथियों सहित विशेष तौर पर शामिल हुए। बिहारी समुदाय द्वारा भी छठ पूजा पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसी प्रकार शेखूपुर में स्थित शिवालय मंदिर में बने पानी वाले कुंड में विशेष तौर पर पानी भरा गया। जहां बिहारी परिवार की महिलाओं ने पूजा-अर्चना की।

उधर, रेल डिब्बा कारखाना, कपूरथला के झील परिसर में धूम-धाम से डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर छठ पूजा मनाई गई। कार्तिक शुक्ल षष्ठी (मंगलवार) को शाम में सूर्य को जल और दूध का अ‌र्घ्य दिए। छठी मैया को प्रसाद भरे सूप से सैकड़ों छठव्रतियों ने पूजा कर सझिया अ‌र्घ्य' दिया एवं कार्तिक शुक्ल सप्तमी (बुधवार) की सुबह उदियमान सूर्य को 'भोरवा अ‌र्घ्य' देकर व्रती कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करेंगे। सोसायटी के तरफ से चाय एवं मठ्ठी का वितरण भक्तों में किया गया। झील परिसर ॐ श्री सूर्याय: नम: से गुंजायमान हो रहा था। हजारों की संख्या भक्तजन अलावा अन्य श्रद्धालु झील पर आकर महापर्व छठ में सम्मलित हो कर भक्ति-भाव से सूर्य उपासना किए। इस अवसर पर पूर्वांचल वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी एवं आरसीएफ के मुख्य यांत्रिक अभियंता अपने परिवार के साथ एवं अन्य अधिकारी श्री मंडल जी उपस्थित थे।

छठ महाव्रत विधि विधान से रखें

प्रमुख रूप से दो दिन तक चलने वाले इस पर्व पर महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा। विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों, फल, गन्ने आदि के साथ सूर्यदेव व छठ देवी की उपासना की। इस पर्व को लेकर लोगों का मानना है कि छठ महाव्रत को विधि-विधान के साथ करने से दुख-दर्द दूर होते हैं। माताएं इसे अपने बच्चों की मंगल कामना के लिए करती हैं। अखिल भारतीय कल्याण परिषद के अध्यक्ष अरुण कुमार ¨सह ने कहाकि छठ का त्योहार सुर्योपासना का पर्व है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व अत्यंत कठिन और महत्वपूर्ण है। इसका आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता और समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होता है। उन्होंने कहाकि इस व्रत के पहले दिन 11 नवंबर को नहाए-खाए का आयोजन किया। इस दिन सभी स्त्रियां नहा-धोकर कद्दू की सब्जी और बिना लहसुन प्याज के भोजन का सेवन करती है। व्रत के दूसरे दिन 12 नवंबर को खरना के रूप में मनाया गया। इस दिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करती हैें।

तीसरे दिन सांझा अ‌र्घ्य के मौके पर स्त्रियां पूरा दिन भूखी प्यासी रहकर प्रसाद बनाकर शाम को डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देती है। भाजपा नेता अरुण ¨सह ने बताया कि बुधवार को अंतिम दिन 14 नवंबर को पारव होता है जिसमें उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर अपनी पूजा संपन्न करती हैं। इस पूजा से नि:संतान को संतान सुख की प्राप्ति होती है और उसकी सभी मनोकामना पूरी करते है। उल्लेखनीय है कि तीसरे दिन पूजा के बाद गुड्ड की मट्ठी, सूजी की मट्ठी, सूजी के लड्डू, सात प्रकार के फल समान के साथ भगवान को अ‌र्घ्य दिया गया।

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