किसानों की सभी मांगे पूरी करें केंद्र सरकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य की दे गारंटी : धालीवाल
विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल ने कहा कि कांग्रेस किसाआंदोलन का समर्थन करती है।
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा : विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल (रिटायर्ड आइएएस) ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ पारित किए गए काले कृषि कानूनों को तुरंत रद करे और किसान संगठनों की सभी मांगों को तत्काल पूरी करते हुए उन्हें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे। विधायक ने कहा कि अपने हितों व हकों के लिए आंदोलन कर रहे किसान संगठन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं जिसे पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए काले कानूनों के खिलाफ पंजाब सहित देश भर के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार कानूनों को निरस्त करने की बजाए किसानों के साथ बार-बार चर्चा के नाम पर धोखा कर रही है।
विधायक धालीवाल ने किसानों से बातचीत विफल होने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को दोषी ठहराते हुए आरोप लगाया कि किसान संगठनों को कमेटी गठित करने जैसी चालों के माध्यम से भ्रामक व अस्पष्ट प्रतिबद्धताओं से उन्हें फंसाने की साजिशें रचने का काम किया जा रहा है। विधायक धालीवाल ने कहा कि केंद्र के काले कृषि कानूनों को शर्मनाक तरीके से लागू करने की कार्रवाई ने दिल्ली की आप सरकार द्वारा किसानों के साथ खड़े होने के दावों से पर्दा उठा दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी संघर्ष कर रहे किसानों के समर्थन करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 23 नवंबर को गजट नोटिफिकेशन जारी कर काले कानूनों को लागू कर दिया, जोकि आप पार्टी के किसान विरोधी होने को साबित करती है। विधायक धालीवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है और किसानों की ओर से अपने हितों व हकों के लिए किए जा रहे आंदोलन का डटकर समर्थन करती है। इस अवसर पर मार्केट कमेटी के चेयरमैन नरेश भारद्वाज, ब्लाक कांग्रेस प्रधान संजीव बुग्गा, सीनियर कांग्रेसी नेता विनोद वरमानी, पूर्व पार्षद पदमदेव सुधीर निक्का, बिट्टू चावला, हनी धालीवाल, कमल धालीवाल व अर्जुन सुधीर उपस्थित थे।
किसान माग रहे लिखित गारंटी
विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल ने कहा कि किसान माग कर रहे हैं कि उनको लिखित गारंटी दी जाए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। इससे एक बार फिर यह सिद्ध हो जाता है कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों और उनकी समस्याओं को कितनी अच्छी तरह जानते हैं। जब किसान और पूरे मुल्क को इस बात का यकीन नहीं कि एमएसपी की व्यवस्था कायम रहेगी और कितना समय रहेगी। ऐसे में अगर केंद्रसरकार की एमएसपी को खत्म करने की मंशा नहीं है तो उसे किसानों को लिखित गारंटी देने में क्या हर्ज है।
जुबानी भरोसे और वादे बेमानी
धालीवाल ने कहा कि जो केंद्र सरकार अपने लिखित वादों और वचनबद्धता को लागू करने में नाकाम रही हो, उसके जुबानी भरोसे और वादे बेमानी हैं। केंद्र सरकार को किसानों की चिंताओं की तरफ ध्यान देकर इनका सार्थक हल निकालने लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए।